Vijay rawat
खबर शिक्षा जगत से जुड़ी है और बहुत ही चौंकाने वाली है जिस प्रकार से लगातार शिक्षा का बढ़ता बाजारीकरण हो रहा है यह बाजारीकरण शिक्षा जगत की विश्वसनीयता और बच्चों के भविष्य पर एक अहम सवाल भी खड़ा करता है।
उत्तराखंड प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्रालयों के अधिकारियों की लापरवाही का आलम या है कि अब उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को अधिकतम प्राप्त अंकों से भी अधिक नंबर दिए जा रहे हैं। मिला की जिस विषय में अधिकतम 50 नंबर देने थे उसमें तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा 50 से अधिक नंबर दे दिए गए.
प्रश्न क्या है कि क्या रिजल्ट प्रकाशित होने से पहले तकनीकी विश्वविद्यालय के संबंधित कर्मचारी उसको देखते नहीं है.
आलम यह है कि 50 नम्बर पूर्णाक में छात्राओं को 73,65,62 नंबर दे दिए गए। शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण में कितना आगे बढ़ चुका है यह स्टूडेंट के भविष्य के लिए आगे कितना घातक साबित होने वाला है।
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