पर्यावरण मंत्री की विधानसभा में दूषित हवा से ग्रामीण परेशान। मंत्री जी ले रहे चैन की सांस
– फैक्ट्रियों के धुएं से ग्रामीण परेशान। पलायन को मजबूर
रिपोर्ट- अनुज नेगी
कोटद्वार। वन मंत्री एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की विधानसभा कोटद्वार के जशोधरपुर इंडस्ट्रियल एरिया की तस्वीर आज भी नहीं बदल पाई है। जी हां कोटद्वार में फैक्ट्रियों के धुंए से ग्रामीण कई वर्षों से परेशान है। कई ग्रामीण इस क्षेत्र से पलायन होने को मजबूर है। फैक्ट्रियों से उठ रहे धुएं के कारण हो रही परेशानियों से गुस्साए ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन किया। वहीं सीएसई की रिपोर्ट में भी 17 फैक्ट्रियों को मानकों के विपरीत बताया गया। मगर इन फैक्ट्रियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आज भी यहां दिन रात में धुआं छाया रहता है। इस धुंध से हर कोई ग्रामीण परेशान है। फैक्ट्रियों से उठ रहे धुएं से वातावरण दूषित हो रहा है। वहीं फैक्ट्रियों के संचालन के लिए कई मानक भी हैं। लेकिन भाबर के जशोधरपुर इंडिस्ट्रयल एरिया में लोगों ने मानक की धज्जियां उड़ाई हुई हैं। काले धुएं के बीच ही लोगों के रहने की मजबूरी बनी हुई है। इस ओर अब न प्रशासन ध्यान दे रहा है न ही इंडस्ट्री की ओर से कोई कदम उठाया गया।
सीएसई की रिपोर्ट में थी कई फैक्ट्रियां अवैध
बता दें कि, फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीणों के आंदोलन के बाद इसकी जांच सेंटर फार सांइस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) से कराई गई थी। सीएसई ने ग्रामीणों, फैक्ट्री संचालकों, पर्यावरण संरक्षण के साथ बैठक में रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें 17 फैक्ट्रियों को 2008 से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से लाइसेंस जारी नहीं किए गए थे। फैक्ट्रियों को एनओसी लेने के लिए बोर्ड के पास जाने पर मानकों पर खरी नहीं उतरने पर एनओसी नहीं दी गई। फैक्ट्री संचालकों ने बैठक में तीन महीने में सुधार करने की बात कही थी, लेकिन पांच महीने के बाद भी स्थिति जस की तस है।
ग्रामीणो का कहना है कि, दोपहर को फैक्ट्रियों से निकलते धुएं के कारण धुंध छा जाती है और शाम तक ऐसी ही स्थिति बनी रहती है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में किसी को भी बीमारी हो सकती है।