खालिस्तान समर्थक अमृतपाल तक पुलिस लाख कोशिशों के बावजूद नहीं पहुंच पाई है। लेकिन इस बीच अमृतपाल के साथी युवा तक भी पुलिस नहीं पहुंच सकी है। उधम सिंह नगर का एक युवक तब निशाने पर आया, जब अमृतपाल को पंजाब पहुंचाने वाली गाड़ी उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की निकली।
गाड़ी उधम सिंह नगर आरटीओ में रजिस्टर है और गाड़ी के दस्तावेज में दर्ज एक मोबाइल नंबर उधम सिंह नगर की एक युवक का है।
खुफिया एजेंसियां अभी तक उस युवक तक नहीं पहुंच पाई हैं। पूछताछ के लिए उसका पता लगाया जा रहा है।
यह गाड़ी उधम सिंह नगर आरटीओ में मोहन सिंह के नाम पर पंजीकृत है।
- अभी तक की पड़ताल में यह पता चला है कि इस वाहन का स्वामी पीलीभीत अमरिया के बढ़ापुर स्थित एक धार्मिक स्थल के जत्थेदार है और उसने यह गाड़ी कुछ महीने पहले पूरनपुर के सेवादार जोगा सिंह को दी थी।
जोगा सिंह को पुलिस कल गिरफ्तार कर चुकी है।
जोगा सिंह अमृतपाल के साथ ही फरार हुआ था।
अहम सवाल यह है कि आखिर जोगा सिंह के साथ गाड़ी के मालिक तथा मोबाइल नंबर के मालिक दूसरे युवक का क्या कनेक्शन है और इनका अमृतपाल से क्या ताल्लुक है !!
अमृतपाल के करीबी साथी जोगा सिंह को लुधियाना के सोनेवाल गुरुद्वारा रेडो साहिब के पास से ही गिरफ्तार किया गया है।
जोगा सिंह ने पीलीभीत के गुरुद्वारे में पनाह ले रखी थी तथा वाहन का स्वामी युवक भी पीलीभीत के एक धार्मिक स्थल का जत्थेदार है।
जोगा सिंह काफी समय से अमृतपाल के संपर्क में था और अक्सर उसके साथ दिखाई देता था।
अमृतपाल ने अपना फोन भी जोगा सिंह को ही दे रखा था और जोगा सिंह के फोन से भी उसने कई लोगों को फोन किए हैं।