बड़ी खबर: उत्तराखंड STF ने लाखों की ठगी करने वाले दिल्ली पुलिस के सिपाही को दबोचा..
देहरादून: 2000 किमी दूर बांग्लादेश बॉर्डर पर उत्तराखंड एसटीएफ की जबरदस्त स्ट्राइक लाखों रुपए की धोखाधडी करने वाले दिल्ली पुलिस के बर्खास्त सिपाही को किया गिरफ्तार एयरवेज इन्टरप्राईजेज नाम की एक फाईनेन्स कम्पनी खोलकर जनता को 15 दिन में किस्तों के आधार पर डेढगुना पैसा वापस करने का लालच।
जनपद देहरादून थाना रायपुर से मु0अ0स0 01/2020 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट मेें फरार मुख्य अभियुक्त जोगिन्दर सिंह पुत्र रघबीर सिंह नि0 खेडीसाद थाना सांपला रोहतक हरियाणा जिस पर 50 हजार रू0 का ईनाम घोषित है। उसकी गिरफ्तारी के सम्बन्ध मे अपराधियों के गृृह राज्य हरियाणा, दिल्ली एवं बिहार में पतारसी सुरागरसी हेतु टीमो को रवाना किया गया। ज्ञात हुआ कि उक्त ईनामी अपराधी पश्चिम बंगाल में कहीं रह रहा है।
इस पर एस0टी0एफ0 की टीम को पश्चिम बंगाल रवाना किया गया। टीम के सदस्यो ने वहीं रहकर अथक प्रयास व पतारसी सुरागरसी कर ईनामी अपराधी जोगिन्दर सिंह पुत्र रघबीर सिंह नि0 खेडीसाद थाना सांपला रोहतक हरियाणा का पता लगाकर बांगलादेश बार्डर, होबरा,पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया।
अपराधी जोगिन्दर, होबरा में अपनी महिला मित्र बलिता दास (काल्पनिक नाम) के साथ रह रहा था जो वहॅा कि मूल निवासी है एवं आन लाइ्न शेयर व क्रिप्टो करेन्सी की ट्रैडिंग का कार्य कर रहा था। उक्त अपराधी पूर्व में दिल्ली पुलिस में सिपाही था। जिसे लगभग 20-25 वर्ष पूर्व इसके कुकृत्यों के कारण दिल्ली पुलिस से बर्खास्त कर दिया गया था।
अपराधी द्वारा अपने 07 साथियों के साथ मिलकर जनपद देहरादून थाना रायवाला क्षेत्र में एयरवेज इन्टरप्राईजेज नाम की एक फाईनेन्स कम्पनी खोली थी। जिसमें जनता को 15 दिन में किस्तों के आधार पर डेढगुना पैसा वापस करने का लालच देकर कम्पनी में निवेश करने का लालच दिया गया जिस पर जनता ने विश्वास करके काफी पैसा इनकी कम्पनी में निवेश कर रखा था। दिनाॅक 10.08.2019 को थाना रायपुर पुलिस द्वरा कम्पनी पर छापा मारकर 07 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके के विरूद्व मु0अ0स0 99/19 धारा 420 भा0द0वि0 व 45एस, 58बी भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम पंजीकृत कराया गया।
दिनाॅक 01.01.2020 को सातो अभियुक्तों पर 01/2020 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृृत किया गया। जिसके पश्चात् उक्त अपराधी लगातार फरार चल रहा था जिसकी गिरफ्तारी पर उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा 50 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया था।