हाइकोर्ट ब्रेकिंग: हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट स्टेडियम 14 अक्टूबर तक खेल विभाग को सौंपे -हाईकोर्ट
नैनीताल: उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट स्टेडियम का कार्य तय समय मे पूरा नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्माण एजेंसी की 30 सितंबर तक कार्य पूरा कर 14 अक्टूबर तक स्टेडियम को खेल विभाग को सौंपने की बात पर अनुमाती दे दी है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि बीते एक वर्ष में यहाँ कितने खेल हुए हैं, उनकी फोटोग्राफ समेत शपथपत्र एक सप्ताह के भीतर पेश करें।
पूर्व में न्यायालय ने पेयजल निगम से पूछा था कि वर्तमान में वहाँ के कार्यो की स्थिति स्पष्ट करें। जिसपर आज निगम की तरफ से कहा गया कि अधिकतर कार्य पूरे हो चुके हैं और जो कार्य अधूरे पड़े हैं उनको 30 सितंबर तक पूरा करके 14 अक्टूबर को स्टेडियम खेल विभाग को सौप दिया जाएगा।
राज्य सरकार से भी यह बताने को कहा था कि वहाँ पर पिछले एक साल में कौन कौन से खेल हुए, कितने लोगों को परिशिक्षण दिया गया और कितने परिशिक्षण देने वाले कर्मचारी है ? इसका पूरा चार्ट बनाकर पेश करें। इसपर राज्य सरकार ने पूरा चार्ट पेश किया, लेकिन न्यायालय इससे सन्तुष्ट नही हुआ। जो चार्ट पेश किया उससे यह पता नहीं चल सका कि कौन सा चार्ट किस खेल से सम्बंधित है। जिसपर न्यायालय ने सरकार से मय फोटोग्राफ चार्ट पेश करने को कहा है। जिससे पता चल सके कि बीते वर्ष यहाँ कौन कौन से खेल हुए। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त के लिए तय हुई है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमीत खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी में 200 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट स्टेडियम 15.20 हैक्टेयर फारेस्ट की भूमि पर बनाया गया है। जिसका कार्य अभीतक पूरा नही हुआ है। सरकार ने इसे बनाने के लिए बार बार निर्माण एजेंसियों को बदला है। अब सरकार ने इस कार्य को पूर्ण करने के लिए उत्तराखंड पेयजल निर्माण को ठेका दिया है। जबकि इस स्टेडियम में 38वें नेशनल गेम होने थे, परन्तु काम पूरा नही होने के कारण केंद्र सरकार अन्य जगह तलास रही है।
पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय ने भी इसपर सवाल किया है कि इस स्टेडियम में बहुत सी कमियां हैं जिन्हें हटाना जरूरी है। तभी यहां राज्य या अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन किया जा सकेगा। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अभी तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ, जबकि इसकी निर्माण पूर्ण होने की तिथि निकल चुकी है। प्रदेश के खिलाड़ियों को कोचिंग करने के लिए अन्य राज्यो की तरफ जाना पड़ रहा है। राज्य के हाथ से 38वां खेल महाकुंभ भी निकल गया है और जनता के धन का द्रुपरयोग हो रहा है। उन्होंने जनहित याचिका में न्यायालय से प्राथर्ना की है कि इसका निर्माण कार्य तय समय सीमा में कराया जाय।