शिकंजा: भ्रष्टाचार पर वार, इन पांच अधिकारियों पर जांच के आदेश। सीएम ने विजिलेंस को दिए खुली जांच के आदेश
देहरादून: उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के चार अलग-अलग मामलों में धामी सरकार ने पांच अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। देहरादून के चर्चित कोचर कॉलोनी भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस की जांच के बाद दो लेखपालों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस को खुली जांच के आदेश दिए गए हैं।
कुमाऊं के पंतनगर स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भंडारक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने को कहा गया है। लक्सर में घूस लेने के आरोपी लेखपाल के खिलाफ हुई चार्जशीट में भी मुकदमा चलाने की इजाजत शासन से मिली है।
मौजा जाखन के तत्कालीन लेखपाल कुशाल सिंह राणा और एमडीडीए लेखपाल के राजेंद्र सिंह डबराल ने उनका साथ दिया। विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया, इस मामले में कोचर दंपती और कुशाल सिंह राणा व राजेंद्र डबराल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। दोनों लेखपाल सरकारी अधिकारी थे। लिहाजा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई थी। सरकार ने अब अनुमति दे दी है।
हाल ही में गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर के वरिष्ठ भंडारक रजनीश कुमार पांडेय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की जांच शुरू की गई थी। विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच करने के बाद शासन से पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। इस क्रम में शासन ने पांडेय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी विजिलेंस को दे दिए हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित भूपेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर कई भ्रष्टाचार किए हैं। इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच हुई। इसके बाद शासन ने भी जांच की। इसके बाद आरोपों में सच्चाई पाए जाने पर शासन ने विजिलेंस को उनकी खुली जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र कुमार गुंज्याल ने बताया, आदेश मिलने के बाद उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।