बुजुर्ग पिता की दवा खत्म, बेटी नोएडा में। बीमार के लिए फरिश्ता बनी पुलिस
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोरोना वायरस के चलते इन दिनों पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है। किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। हां, कुछ जरूरी चीजों जैसे सब्जी, दूध, दवा आदि के लिए लोग निकल सकते हैं, लेकिन सबसे एक-दूसरे से करीब एक मीटर की दूरी बनाए रखनी है। इस लॉकडाउन में बहुत से लोग इधर-उधर फंस भी गए हैं और घर में उनके मां-बाप परेशान हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कोटद्वार का भी है। जिसमें एक बीमार बुजुर्ग की बेटी उनसे दूर है दवा नहीं लेने नहीं जा पा रही थी। उस महिला ने पौड़ी पुलिस को सूचना दी कि, उसके पिता बीमार रहते है और इस समय वह कई दिन से घर पर अकेले है। जिन्हें तुरंत ही दवाइयों की जरूरत है।
पौड़ी पुलिस ने तुरंत ही दवाइयों का इन्तजाम किया और बुजुर्ग के घर सारी दवाइयां पहुंचाईं। दवाईयां मिलने के बाद महिला ने पुलिस को धन्यवाद कहा। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के दौरान परेशानियों और समस्याओं के बीच शहर से लेकर गांव तक पुलिसवाले लोगों का सहारा बने हुए हैं। चाहे वो पलायन कर रहे मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की बात हो या दवा उपलब्ध कराने की। पुलिस वाले ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। कोटद्वार में पुलिस ने एक बुजुर्ग की मदद करते हुए उसे दवाईयां पहुंचाई है। इसकी जानकारी पुलिस को बुजुर्ग की बेटी ने दी थी।
पौड़ी जनपद के सोशल मीडिया सेल के प्रभारी मुकेश गैरोला ने बताया कि, नोएडा उत्तर प्रदेश निवासी विनीता रावत के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल के ट्वीटर पर बताया गया कि, उसके पिता गणेश रावत पदमपुर सुखरौ कोटद्वार में अकेले रहते है, वह बीमार रहते है। वह लॉकडाउन एवं अपनी बीमारी के कारण दवाई लेने नहीं जा रहे है। विनीता रावत ने बताया कि, उनकी दवाईयां दिल्ली, नोएडा, देहरादून, ऋषिकेश कहीं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन्होंने पुलिस से उनके पिता को दवाईयां उपलब्ध कराने की गुहार लगाया।
मुकेश गैरोला ने बताया कि, दवाई के बारे में कोटद्वार, हरिद्वार, देहरादून सहित अन्य शहरों में पता किया गया तो कहीं भी दवाई नहीं मिली। जिस पर उन्होंने पौड़ी बाजार में दवाई का पता किया तो बाजार में दवाई मिल गई। दवाईयों को ढूढ़ने में उनके साथ कांस्टेबल अनिल नेगी, महिला कांस्टेबल दमयन्ती नेगी ने सहयोग किया। उन्होंने बताया कि, विनीता रावत द्वारा मांगी गई दवाईयों को पैरोकार कांस्टेबल आजाद के माध्यम से उनके पिता गणेश सिंह रावत निवासी पदमपुर कोटद्वार को दे दिया गया है। जिस पर विनीता रावत द्वारा नोएड़ा से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के ट्वीटर एकाउण्ट पर उत्तराखण्ड पुलिस का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया गया।