पहली बार वाहन से रवाना हुई बाबा केदारनाथ की डोली
रिपोर्ट- शम्भू प्रसाद
ऊखीमठ। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के बीच बाबा केदारनाथ की डोली केदार धाम के लिए रवाना हो गई। जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के अनुसार सामाजिक दूरी के पालन को ध्यान में रखते हुए सादगी पूर्ण ढंग से सीमित लोगों की उपस्थिति में डोली को गाड़ी से केदारनाथ के लिए विदा किया गया। आज सुबह ओमकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विधि विधान से पूजा अर्चना की गई जिसके बाद बाबा केदार का श्रृंगार किया गया। उन्हें भोग लगाया गया, आरती की गई, आरती के बाद पंचमुखी मूर्ति को गर्भ ग्रह से मंदिर परिसर में लाया गया।
यहां पर भी पूजा अर्चना के बाद विग्रह डोली ने ओमकारेश्वर मंदिर की तीन परिक्रमा की इसके बाद भोले की डोली को वाहन में रखा गया और डोली धाम के लिए रवाना हो गई।प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक डोली के साथ पुजारी और वेद पाठ शामिल रहे। किसी भी तरह के स्थानीय लोगों और हक हकूक धारियों को बाबा की डोली के साथ चलने की अनुमति नहीं दी गई। पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डोली उखीमठ से अपने धाम को रवाना हुई, तो लोग अपने घरों की छतों से ही दर्शन करते दिखे।
बाबा केदारनाथ की चल विग्रह डोली आज प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गोरा माई मंदिर गोरी कुंड पहुंचेगी व द्वितीय रात्रि प्रवास 27 अप्रैल को भीम बली में करेगी। 28 अप्रैल को उत्सव डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी जहां अगले दिन 29 अप्रैल को प्रातः 6:00 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। 1977 के 5 साल के बाद पहली बार डोली को सड़क मार्ग से गौरीकुंड गाड़ी से ले जाया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य पुजारी सहित सीमित संख्या में धर्माचार्य व प्रशासन के लोग उपस्थित रहे। डोली के साथ सिर्फ 16 लोग ही धाम रवाना हुए और यही लोग केदारनाथ के कपाट खुलते समय वहां उपस्थित रहेंगे।