बिग ब्रेकिंग: UKSSSC ने इस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट किया जारी। इन कोचिंग सेंटरो पर FIR की तैयारी..
देहरादून: उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कनिष्ठ सहायक, डाटा इन्ट्री आपरेटर एवं समान अर्हता वाले 761 पदों हेतु दिनांक 21.10.2021 को लिखित परीक्षा आयोजित कराई गई।
नान टाइपिंग पदों को छोड़कर शेष पदों हेतु 2086 अभ्यर्थियों की टंकण परीक्षा हेतु औपबंधिक श्रेष्ठता सूची जारी की गई। दिनांक 30.05.2022 से 01.06.2022 तक इन पदों हेतु टंकण परीक्षा आयोजित करायी गई।
दिनांक 27.03.2023 को सफल अभ्यर्थियों की औपबंधिक श्रेष्ठता सूची जारी की गई, जिनका अभिलेख सत्यापन दिनांक 03. 04.2023 से 25.04.2023 तक आयोग कार्यालय में कराया गया।
अभिलेख सत्यापन में ऐसे अभ्यर्थी जो अनुपस्थित रहे हो तथा जो अहंतायें पूर्ण नहीं करते हो के कारण पद रिक्त रहने पर मा० आयोग के निर्णय के क्रम में समान वरीयता वाले पदों के सापेक्ष 53 अभ्यर्थियों की पुनः औपबंधिक श्रेष्ठता सूची जारी करते हुए अभिलेख सत्यापन दिनांक 20.06.2023 को आयोग कार्यालय में किया गया।
तद्न्तर कनिष्ठ सहायक / इंटरमीडिएट स्तर के कुल विज्ञापित 761 टाइपिंग व नॉन टाइपिंग पदों के सापेक्ष अन्तिम रूप से चयनित 738 अर्ह अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति विभागों को प्रेषित किए जाने हेतु औपबंधिक श्रेष्ठता सूची आज दिनांक 24.07.2023 को आयोग की वैबसाईट पर प्रकाशित की गई है।
यह भी अवगत कराना है कि पूर्व में वर्ष 2020 में आयोजित वन आरक्षी परीक्षा में ब्लू टूथ से नकल करने में दोष सिद्ध अभ्यर्थियों द्वारा अपने अभिलेख सत्यापन हेतु मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल में विभिन्न वाद दायर किये गये थे। इस परीक्षा में चिन्हित ऐसे 47 अभ्यर्थियों में से 9 अभ्यर्थियों द्वारा श्रेष्ठता सूची में स्थान बनाने में सफलता प्राप्त की गई थी।
सचिव उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के विरुद्ध नकल के आरोपी 4 अभ्यर्थियों द्वारा अभिलेख सत्यापन न कराये जाने के कारण अवमानना याद भी मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल में दायर किये गये।
उक्त सभी चारों अभ्यर्थियों के अवमानना बाद में मा० उच्च न्यायालय में आयोग द्वारा की गई विशेष अपीलों में आज दिनांक 24.07.2023 को हुई सुनवाई में मा. उच्च न्यायालय द्वारा सभी अवमानना वाद खारिज कर दिये गये हैं।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा आयोग सभी परिश्रमी एवं लग्नशील अभ्यर्थियों को आश्वस्त करता है कि आयोग प्रतियोगी परीक्षायें पारदर्शिता एवं शुचितापूर्ण सम्पन्न कराये जाने हेतु प्रतिबद्ध है।
इन कोचिंग सेंटरो पर FIR की तैयारी
आयोग द्वारा दिनांक 09 जुलाई 2023 को विभिन्न विभागों के स्नातक स्तरीय पदों की लिखित प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गई, जिसके बाद दिनांक 21 जुलाई 2023 को उक्त पदों के अभिलेख सत्यापन व टंकण परीक्षा हेतु औपबंधिक श्रेष्ठता सूचीयां आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई।
आयोग के संज्ञान में आया है कि उक्त लिखित परीक्षा व परिणाम के संबंध में सोशल मीडिया में कुछ लोगों द्वारा भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही है, जिसके संबंध में अवगत कराया जाना है कि-
1. औपबंधिक श्रेष्ठता सूची के क्रम संख्या-5 पर अंकित अभ्यर्थी श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह के लोक सेवा आयोग हरिद्वार द्वारा आयोजित पटवारी / लेखपाल भर्ती परीक्षा में 16 अंक थे, जबकि UKSSSC द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया गया।
आयोग द्वारा उपरोक्त तथ्यों की जांच में यह तथ्य पूर्णतया गलत व भ्रामक पाया गया श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह हल्द्वानी जनपद नैनीताल के निवासी है तथा उनकी जन्म तिथि वर्ष 1983 है। जिस कारण यह उम्र सीमा अधिक होने के कारण लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी / लेखपाल परीक्षा- 2022 के लिए पात्र नहीं थे।
जांच में यह भी पाया गया कि श्री जगदीश सिंह पुत्र श्री कुन्दन सिंह जिनके द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा में पांचवा स्थान प्राप्त किया गया है उनके द्वारा पूर्व में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य अवर अधीनस्थ राज्य प्रवर अधीनस्थ समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त की है तथा प्रवर अधीनस्थ परीक्षा का परिणाम लंबित है।
2. इसके अतिरिक्त कमल किशोर पुत्र श्री दीवान राम एवं श्री चन्द्र शेखर पुत्र श्री दीवान राम जो कि आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में सफल अभ्यर्थी रहे है इनके बारे में यह जानकारी फैलाई जा रही है कि उपरोक्त दोना भाई है तथा संभवतः परीक्षा में गलत तरीकों का प्रयोग करके पास हुए है।
आयोग द्वारा इस विषय पर भी जांच की गई तथा उक्त अफवाह को तथ्यहीन व भ्रामक पाया। आयोग की जांच में स्पष्ट हुआ कि श्री कमल किशोर पुत्र श्री दीवान राम जनपद नैनीताल के निवासी है तथा श्री चन्द्रशेखर पुत्र भी दीवान राम, जनपद बागेश्वर के निवासी है तथा भाई नहीं है।
मात्र पिता का नाम समान हो जाने से दो व्यक्ति भाई नहीं हो सकते। जांच में यह भी पाया गया कि भी चन्द्रशेखर पुत्र दीवान राम द्वारा पूर्व में वन आरक्षी, पटवारी, कनिष्ठ सहायक, सचिवालय रक्षक परीक्षाओं मैं भी चयन हुआ है।
3. आयोग द्वारा जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि दो कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा जो स्वयं भी इस परीक्षा में सम्मिलित हुए थे परंतु परीक्षा में असफल हो गए. के द्वारा आयोग एवं उक्त सफल अभ्यर्थियों की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह अफवाह फैलाई गई।
तथा अन्य अभ्यर्थियों एवं छात्रों को परीक्षाफल का विरोध करने तथा उपरोक्त भ्रामक तथ्या को सोशल मीडिया में फैलाने के लिए उकसाया गया, जिससे कि कानून व्यवस्था संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती थी तथा अभ्यर्थियों के मन में परीक्षा की शुचिता एवं पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लग सकता था।
उपरोक्त के दृष्टिगत आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उपरोक्त व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी तथा अन्य अभ्यर्थियों एवं जन सामान्य से अपील की जाती है कि, परीक्षा में अपनी मेहनत से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का उत्पीड़न न किया जाये आयोग समस्त परीक्षाओं को पारदर्शी, शुचितापूर्ण एवं नकलविहीन प्रणाली के तहत कराने के लिए प्रतिबद्ध है।