बड़ी खबर: हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में क्लिनिकल ऑडिट पर कार्यशाला आयोजित
- एक दिवसीय कार्यशाला में 36 प्रतिभागी हुए शामिल
डोईवाला: हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में नर्सिंग गुणवत्ता विभाग, हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग और हेल्मियर इंडिया के सहयोग से क्लिनिकल ऑडिट और गुणवत्ता सुधार पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में हिमालयन अस्पताल और हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग से 36 नर्सों ने प्रतिभाग किया।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के चौखम्बा सभागार में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि निदेशक (अस्पताल सेवाएं) डॉ. हेम चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि क्लिनिकल ऑडिट अन्य प्रकार के ऑडिट से अलग है। अस्पताल सेवा से जुड़ा क्षेत्र है, जिसमें निरंतर सुधार की जरूरत होती है। क्लिनिकल ऑडिट का उद्देश्य गुणवत्ता, स्वास्थ्य देखभाल में सुधार, प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
हिमालयन अस्पताल को अपनी गुणवत्तापरक सेवाओं के लिए एनएबीएच की मान्यता मिली है। हमें गुणवत्ता सुधार के निरंतर क्लिीनिकल ऑडिट करना होगा। उन्होंने प्रतिभागियों से कार्यशाला का अधिक से अधिक लाभ उठाने की बात कही। ट्रेनर तान्या सेठ ने प्रतिभागियों को क्लिनिकल ऑडिट की खोज, विकास, प्रकार और क्रियान्वयन के विषय में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने गुणवत्ता सुधार परियोजनाओं में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी साझा की। इस दौरान इस वर्ष की थीम हमारी नर्सें, हमारा भविष्यः देखभाल की आर्थिक शक्ति का अनावरण भी किया गया।
इससे पूर्व आयोजन समिति अध्यक्ष रीना हाबिल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सेवाओं में गुणवत्ता सुधार पहल को बढ़ावा देने के साथ ही नर्स और शिक्षकों की दोहरी भूमिका निभा रहे कर्मचारियों को सशक्त बनाना इस कार्यशाला का उद्देश्य है। सोलोमन थपलियाल और योग्यता कंडवाल के संयुक्त संचालन में आयोजित कार्यशाला में डॉ. डीसी. जोशी, डॉ. कमली प्रकाश, उपमा जॉर्ज, जैबूनिशा, तृष्णा सरकार, काजोल अरोड़ा, विनीता कंडवाल, कविता नौडियाल, ममता भाकुनी, तनुजा नेगी, महेश सकलानी, अंकित बौराई उपस्थित रहे।
अस्थमा जागरूकता को लेकर सेमिनार आयोजित
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) में अस्थमा के प्रति जागरूकता को लेकर सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें छात्र-छात्राओं को अस्थमा बीमारी के लक्ष्ण व बचाव की जानकारी दी गई।
हिमालयन अस्पताल पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ.राखी खंडूरी ने कहा कि अस्थमा फेफड़ों की एक पुरानी बीमारी है जिसमें सांस लेने में समस्या होती है। अस्थमा के लक्षणों में सांस फूलना, खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न होना के शामिल है। ये लक्षण आवृत्ति और गंभीरता में भिन्न होते हैं। यह दिन इस वर्ष अस्थमा शिक्षा सशक्तिकरण पर मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अस्थमा जैसी सांस की बीमारी के जोखिम को कम करने और इससे लड़ने के लिए बारे में जागरूक करना है। इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ.संचिता पुगाजंडी, डॉ. कमली प्रकाश, प्रिती प्रभा, अंकित सिंह उपस्थित रहे।