उत्तराखंड की लोकभाषाओं के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित,गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी भाषाओं की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर
देहरादून, 9 जून 2025 — उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा सचिवालय में आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। इस बैठक में गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी सहित राज्य की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन लोकभाषाओं से जुड़ी लोककथाएं, लोकगीत, कहावतें और मुहावरे को डिजिटल माध्यम में संरक्षित किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें। उन्होंने कहा, “ये भाषाएँ केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और पहचान की आधारशिला हैं।”

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक स्तर पर प्रयास तेज किए जाएंगे। दून विश्वविद्यालय में पहले से ही गढ़वाली और कुमाऊनी भाषाओं के पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं, जो कि इस दिशा में एक सराहनीय कदम है।
सरकार ने स्पष्ट किया कि वह उत्तराखंड की लोकभाषाओं के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में इन प्रयासों को और गति दी जाएगी।