टिहरी जनपद के क्यारदा (नैलचामी) गांव के ग्रामीणों ने वर्षों से सड़क निर्माण की मांग को नजरअंदाज किए जाने के विरोध में पंचायत चुनाव 2025 का पूर्ण बहिष्कार करने का ऐलान किया है। आज शनिवार को ग्रामवासियों ने उपजिलाधिकारी घनसाली के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजकर अपना आक्रोश जताया।
क्यारदा गांव, जो विकास खंड भिलंगना की ग्राम पंचायत कौठी नैलचामी के अंतर्गत आता है, लंबे समय से सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। यह क्षेत्र सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जहां किसान और उद्यान मित्र बड़े स्तर पर कृषि कार्य करते हैं। बावजूद इसके, राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सड़क निर्माण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
गांव के लोगों का कहना है कि वर्षों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद केवल उपेक्षा ही मिली है। इस कारण अब उन्होंने पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और यदि फिर भी सुनवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने अनशन और सत्याग्रह आंदोलन की चेतावनी दी है।
कोरोना काल में भी दिखाई थी आत्मनिर्भरता:
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान जब कोई सहायता नहीं मिली, तब गांव के युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने मिलकर गेंती, सब्बल और कुदाल से खुद ही एक कच्चा मोटर मार्ग तैयार कर लिया था। इसके बावजूद सरकार द्वारा ‘हर गांव सड़क से जोड़ा जाएगा’ जैसे दावों पर कोई अमल नहीं हुआ।
ज्ञापन देने वाले प्रमुख ग्रामीणों में शामिल रहे:
शौकार सिंह कण्डारी, कैप्टन हुकम सिंह, शौकार सिंह (गुड्डू), शेर सिंह, विशन सिंह, दीपक कण्डारी और अरविंद कण्डारी आदि।
ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि “जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं”, और सरकार को अब उनकी आवाज़ अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
✍️ प्रेषक: समस्त ग्रामवासी – क्यारदा नैलचामी, भिलंगना ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।