इलाज न मिलने के कारण बागेश्वर में एक फौजी के डेढ़ साल के बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। मासूम की मौत की जानकारी जम्मू-कश्मीर में तैनात सैनिक पिता दिनेश चंद्र ने एक वीडियो के जरिए दी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया है। पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संज्ञान लिया, और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा—
“बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ स्तरों पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती है।”
सीएम धामी ने इसे अत्यंत संवेदनशील प्रकरण बताते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई गई तो दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा—
“जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही सहन नहीं की जाएगी।”
क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड के चमोली जिले के चिड़िंगा गांव निवासी सैनिक दिनेश चंद्र के डेढ़ साल के बेटे शुभांशु जोशी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। मां और दादी शुभांशु को लेकर सबसे पहले ग्वालदम अस्पताल गईं, लेकिन वहां उचित इलाज नहीं मिल सका। इसके बाद परिजन उसे लेकर बैजनाथ अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें बागेश्वर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बच्चे की स्थिति गंभीर थी, इसलिए जिला अस्पताल से उसे हल्द्वानी रेफर किया गया। परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा के लिए फोन किया, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। मजबूरी में दूर तैनात फौजी पिता को बागेश्वर डीएम को फोन करना पड़ा। डीएम के निर्देश पर करीब साढ़े नौ बजे रात को एंबुलेंस तो मिली, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। शुभांशु ने हल्द्वानी ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
सैनिक पिता दिनेश चंद्र ने वीडियो के माध्यम से इस पूरे मामले को सार्वजनिक किया, जिसके बाद मामला चर्चा में आया।