लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाते हुए तीन बड़े अफसरों को निलंबित कर दिया है। इनमें मुजफ्फरनगर के SDM जयेंद्र सिंह और राज्य कर विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। वहीं गन्ना विभाग के दो उच्च अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर गोपनीय जांच शुरू कर दी गई है।
सरकारी जमीन घोटाले में फंसे SDM
मुजफ्फरनगर के SDM जयेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन को गलत तरीके से हस्तांतरणीय घोषित कर प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाया। शिकायतों की जांच के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। फिलहाल उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है और दोष सिद्ध होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
टैक्स छूट घोटाले में राज्य कर अफसर सस्पेंड
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में राज्य कर विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी भी निलंबन की चपेट में आ गए हैं।
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अरुण शंकर रॉय पर आरोप है कि उन्होंने बिल्डरों को अनुचित टैक्स छूट दी।
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सतीश कुमार एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते पकड़े गए।
पुख्ता सबूत मिलने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
गन्ना विभाग पर सख्त नजर
सरकार ने गन्ना विभाग में भी गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान में लिया है।
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जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन और
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संयुक्त गन्ना निदेशक
पर ऑनलाइन रिश्वतखोरी और किसानों से जुड़ी योजनाओं में अनियमितता के आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को पद से हटाने और उनके खिलाफ गोपनीय जांच कराने का आदेश दिया है।
योगी सरकार का संदेश: “भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि सुशासन और पारदर्शिता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और इसी तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।