मामला क्या है?
मंगलवार, 16 सितंबर को गैरसैंण विकासखंड सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया गया था। इस दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने दिवालिखाल से पांडुवाखाल तक सड़क की बदहाल स्थिति और नालियों के अधूरे निर्माण कार्य को लेकर कड़ी आपत्ति जताई।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जिलाधिकारी और CDO ने अधिशासी अभियंता को मौके पर जाकर सड़क की स्थिति का जायजा लेने का आदेश दिया। लेकिन अभियंता ओंकार पांडेय ने साफ इंकार कर दिया और कहा कि उन्हें देहरादून जाना है।
DM और CDO से बहस, FIR की धमकी
अधिशासी अभियंता के इस रवैये से नाराज़ CDO ने कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी। इस पर अभियंता ने जवाब दिया – “ठीक है सर, कर लीजिए।”
इस व्यवहार से अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों नाराज़ हो गए। हालांकि विरोध के बाद अभियंता अंततः सड़क का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे।
जनप्रतिनिधियों ने जताया रोष
घटना से गुस्साए जिला पंचायत सदस्य सुरेश कुमार बिष्ट, ग्राम प्रधान मनोज नेगी, ज्येष्ठ प्रमुख लीलाधर जोशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य वीरेंद्र आर्य और अन्य प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अभियंता की शिकायत करने की बात कही।
जिलाधिकारी का बयान
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि अभियंता ने आवेश में आकर ऐसी बात कही थी। बाद में उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ जाकर सड़क की स्थिति का निरीक्षण किया है और उम्मीद है कि समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
दो अन्य अधिकारियों पर FIR दर्ज
इसी तहसील दिवस में अनुपस्थिति और लापरवाही पर जिलाधिकारी ने ब्रिडकुल के सहायक अभियंता नरेश कुमार और कनिष्ठ अभियंता आशीष मलेठा के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए।
इन अधिकारियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 (B), 56 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। FIR एसडीएम गैरसैंण सोहन सिंह रांगड़ की तहरीर पर थाना गैरसैंण में दर्ज हुई।