एसजीआरआर विश्वविद्यालय में सजी नवरंग डांडिया 3.0 की मनमोहक संध्या
माॅ दुर्गा के जयकारों संग गूंजा एसजीआरआर हैलीपैड मैदान
गरबा-डांडिया की थिरकन और पहाड़ी मंडाण की मधुर धुनों ने बांधा समां
बंगाली, गुजराती व नवरात्रि व्यंजन के साथ पहाड़ी व्यंजन भी बने कार्यक्रम का आकर्षण
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में रविवार की शाम मां दुर्गा के जयकारों और भक्तिमय माहौल के बीच नवरंग डांडिया 3.0 की धूम देखने को मिली। गरबा और डांडिया की ताल पर सजी रंगीन छटा ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। पहाड़ी मंडाण की मधुर धुनों से लेकर गुजराती गरबा और डांडिया की थिरकन तक, हर लम्हा नवरात्रि की भक्ति और उत्सव का संगम बन गया। वहीं बंगाली, गुजराती, नवरात्रि व पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू ने आयोजन में चार चांद लगा दिए। छात्र-छात्राओं ने नवरात्र की पावन बेला पर माता रानी के विभिन्न स्वरूपों का गुणगान किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व फैकल्टी सदस्यों ने गरबा व डांडिया नृत्य का जमकर लुत्फ उठाया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी प्रदेशवासियों व देशवासियों को शारदीय नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
रविवार शाम को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के हैलीपैड मैदान में रविवार शाम नवरंग डांडिया 3.0 का भव्य आगाज हुआ। पूजा आरती और शंखनाद के साथ कार्यक्रम का विधिवत आगाज हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ एस जी आर आर यूनिवर्सिटी के माननीय प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. (डाॅ.) प्रथप्पन के. पिल्लई, कुलसचिव डाॅ. लोकेश गम्भीर, कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. मालविका सती कांडपाल तथा काॅर्डिनेटर डाॅ. आर.पी. सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर पर विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसिडेंट के सलाहकार प्रो. (डाॅ.) प्रथप्पन के. पिल्लई ने कहा कि नवरंग डांडिया जैसे आयोजन विविधता में एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक पर्व विद्यार्थियों में ऊर्जा, उत्साह और सामाजिक जुड़ाव की भावना को प्रबल करते हैं। उन्होंनेे आशा व्यक्त की कि यह उत्सव छात्र-छात्राओं को भारतीय परंपराओं और संस्कारों से जोड़ने के साथ-साथ सामूहिकता और सहयोग की सीख भी दे रहा है।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने धनुची और डांडिया नृत्य से कार्यक्रम स्थल को जीवंत और भक्तिमय बना दिया। धनुची नृत्य, जो दुर्गा पूजा का महत्वपूर्ण अंग है, पारंपरिक बंगाली शक्ति नृत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके बाद गरबा और डांडिया की रंगीन थिरकन ने पांडाल में उत्सव का माहौल बना दिया। हाई वोल्टेज डीजे बीट्स पर फैकल्टी और छात्र-छात्राओं ने धूमधाम से नृत्य किया। डांडिया गीतों की गूँज ने रात भर उत्साहित दर्शकों को झूमते रखा। मंच संचालन शुभम ने कुशलता से किया। बंगाली, गुजराती और नवरात्रि के पारंपरिक व्यंजनों के साथ पहाड़ी स्वाद ने भी आयोजन में चार चांद लगाए। नवरंग डांडिया में हिस्सा लेने के लिए छात्र-छात्राओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। आधुनिक और पारंपरिक परिधानों में सजी युवाओं की शैली और कदमताल के बीच मैदान तालियों से गूंज उठा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय समन्वयक डाॅ आर.पी.सिंह, नवरंग डांडिया की चेयरपर्सन डाॅ मालविका कांडपाल, डाॅ अरुण कुमार, डाॅ प्रिया पाण्डे, ईशा शर्मा, डाॅ गणराजन, डाॅ मनीष शर्मा के साथ विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदसयों सहित हजारों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।