पुरानी पेंशन बहाली हेतु केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने हेतु रणनीति तय
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चे की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमे पुरानी पेंशन बहाली हेतु केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने हेतु रणनीति तय की गई। साथ ही 01 अक्टूबर 2005 को उत्तराखण्ड में NPS लागू होंने के कारण उत्तराखंड में 01 अक्टूबर 2020 को काला दिवस मनाए जाने हेतु आम कर्मचारी से आवाह्न किया गया। पुरानी पेंशन के होने से कर्मचारी के जीवन मे एक सुरक्षित भविष्य के लिए संकटों से लड़ने के लिए ढाल थी। आज कर्मचारी भविष्य में आने वाले संकट से लड़ने के लिए निहत्था है। बैठक की अध्यक्षता अधिशासी अभियंता, जीएस कौंण्डल एवं दिवाकर दत्त धस्माना के नेतृत्व में की गई।
इस दौरान प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि, जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही हो जाती तब तक यह संघर्ष अनवरत रूप से जारी रहेगा। शीघ्र धरातल पर भी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए कार्यक्रम किये जायेंगे। अपनी सुरक्षा के डर से छोटे जीव तक डंक मार देते हैं। हम फिर भी मनुष्य हैं। कोरोना काल में अनुनय विनय से सरकार को मनाने का प्रयास जारी है। परंतु अधिकारों के लिए जमीन से लेकर सदन तक की लड़ाई भी कई बार लड़ी गयी है और पुनः पुरानी पेंशन के लिए लड़ी जा सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि, देश जिस संकट काल से गुज़र रहा है। उससे निपटने के लिए कर्मचारी का nps स्कीम में जमा पैसा जीपीएफ में परिवर्तित कर उसे उपयोग कर देश के आर्थिक संकट से निपटा जा सकता है। सरकार को अपने आर्थिक विकल्पों पर गौर करने की आवश्यकता है। जिसके लिए nps का शेयर में लगा पैसा एक अच्छा विकल्प है। वर्तमान में कर्मचारी निर्भीक होकर कोरोना से लड़ रहे हैं। संक्रमित होकर गंभीर परिणाम भुगत रहे हैं। परंतु अपनी जगह पर मजबूती से डटे हुए हैं। इस पर सरकार उत्साहवर्धन के लिए इतनी सी विनती तो स्वीकार कर ही सकती हैं।
बैठक में प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल,
इंजीनियर आलोक कुमार, जयदीप रावत, संजय नेगी, लक्ष्मण रावत, प्रदीप नेगी, दीपक सिंह, वीएस राणा, विकास बिष्ट, मनमोहन, मुकेश चन्द्र राणा, सुरेश कुमार, रघुराज चोहान, राहुल सिंह, कपिल नैथानी, जगत सिंह, प्रदीप कुमार जुयाल, चंदन सिंह नेगी, मनोज कुमार आदि।