सब्जी मंडी में एंट्री के नाम पर लोडिंग चालकों से भाजपा नेता ने की अवैध वसूली
देहरादून। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित निरंजनपुर सब्जी मंडी में आज दर्जनों मिनी लोडर चालकों ने एकत्रित हो कर, पिछले 2 वर्षों से जारी अवैध वसूली का विरोध कर नारेबाजी व प्रदर्शन किया।
लोडिंग चालकों के नेतृत्व करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि, निरंजनपुर सब्जी मंडी में भाजपा नेता खुलेआम अवैध वसूली व लूट कर रहा है। और यह सब मंडी अध्यक्ष व सचिव की नाक के नीचे हो रहा है। मंडी में एंट्री के नाम पर भाजपा नेता कुड़ियाल व उसके 4-5 सहयोगी टेम्पो चालकों से कभी 2,100 रु, कभी 500 रु, कभी एफिडेविट बनाने के नाम पर 150 से 700 रु की अवैध वसूली कर रहे हैं। मंडी से अपना कार्य करने वाले 350 मिनी लोडर से यह अवैध वसूली 10 लाख से ऊपर की है।
आप प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि मंडी में रोजाना एंट्री के नाम पर 10 रु लोडिंग चालकों से लिए जाते हैं, जो को 350 चालकों से 3,500 रु रोज होता है। यह रकम भी लाखों में आती है।
चालकों के साथ निरंजनपुर मंडी पहुंचे आप नेता संजय भट्ट ने कहा कि एक तरफ दिल्ली की केजरीवाल सरकार का “केजरीवाल मॉडल” है, जिसमें लॉकडाउन के दौरान प्रत्येक ऑटो चालक व ऑटो मालिक को दिल्ली सरकार की तरह से 4 महीने तक 5,000 रु महीने की सहायता राशि दी गई। वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड की यह “जीरो वर्क सीएम” सरकार है, जो बीजेपी नेताओं के जरिए मिनी लोडर चालकों से लगातार अवैध वसूली करवा रही है।
चालकों ने अवैध वसूली की पर्ची भी दिखाई, साथ ही कहा कि अगर 10 दिन कोई चालक बीमारी आदि के कजलते मंडी नहीं आता है तो 11वें दिन उससे पूरे 11 दिन की अवैध वसूली, टोकन के नाम पर की जाती है।
इस मौके पर मिनी लोडर चालक अर्जुन गुप्ता, सन्नी, जावेद, पप्पू यादव, इकबाल, जावेद, इमरान, सलीम, भोला, शहनवाज, दिनेश कुमार, अमर सिंह चौहान आदि ने खुलकर अपनी बात रखते हुए बीजेपी नेता व कथित प्रधान कैलाश कुड़ियाल व उसके साथियों पर भ्रष्टाचार व अवैध वसूली के आरोप लगाते हुए मंडी सचिव व प्रशासन से उचित कार्यवाही की मांग की।
चालकों ने यह भी कहा कि जो पैसा इकट्ठा किया जाता है उससे चालकों की बीमारी, लड़की की शादी आदि में कोई मदद नहीं की जाती है। बस कह दिया जाता है कि आंगनबाड़ी में यह पैसा दिया जाता है। जबकि इस पैसे से कुड़ियाल के बैनर-पोस्टर बना कर लगाए जाते हैं।
यही नहीं वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि 10 रु नहीं 10 हजार भी, साथ ही कोरोना काल फिर से लगने की धमकी भी मंडी की मीटिंग में साफ सुनी जा सकती है।