12 घंटे में 200 मुर्गियां मरी पशुचिकित्सक ड्यूटी से नदारद
रिपोर्ट : इंद्रजीत असवाल
.कर्मचारियों के लिए एशगाह बने पहाड़ों के दफ़्तर।.
. CVO मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी पौडी के फटकार के बाद भी डॉ पल्लवी जयशवाल सेवा देने के लिए तैयार नही।
. चिकित्सक पहाड़ों में पोस्टिंग लेकर शहरों में अपने निजी क्लीनिक संचालित कर रहे हैं।
पौड़ी: बेलगाम कमर्चारियों के भरोसे पहाड़ के लोग आज दरदर भटक रहे हैं। मामला रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत पशुचिकित्सालय कोटड़ी का हैं जहां आजकल मुर्गीपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। श्री शंकर पोलिट्री फॉर्म के मालिक श्री कल्याण सिंह रावत जी के फॉर्म में अचानक coccidiosis रोग फैल गया जिस कारण मुर्गियां मरनी सुरु हो गई। गॉंव में पशुचिकित्सालय होनेे के बावजूद भी उन्हें उपचार नही मिला चिकित्सालय में मात्र एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी बिगत 1 महीने से सेवा दे रही हैं। पूछने पर पता चला कि डॉ पल्लवी जयशवाल बिना अनुमति के 23 मार्च से कार्यालय नही पहुची हैं। हॉस्पिटल से कोई मदद न मिलने से शंकर पोलिट्री फार्म की 12 घण्टे के अंतराल पर 200 मुर्गी मर गई। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ सुधीर बर्थवाल को जब इस घटना की सूचना दी गई तो उन का कहना था कि हाजरी रजिस्टर के मुतावित डॉ अपने कार्यालय में मौजूद हैं। डॉ सुधीर बर्थवाल द्वारा जब तक कोटद्वार से दवाई भिजवाई तक तक मरने वाले मुर्गियों का आंकड़ा 260 हो चुका था और बीमारी समूचे क्षेत्र में फैल चुकी थी।
20 अप्रैल को डॉ पल्लवी द्वारा हॉस्पिटल में जॉइन किया तो कल्याण सिंह रावत जी को दवाई नही दिया उन का कहना था आप CVO शिकायतें करें हमारे पास दावा नही हैं जब कि CVO पौड़ी के मुतावित हॉस्पिटल में दवा प्रयाप्त हैं। CVO पौड़ी ने डॉ को मुर्गियों का पोस्टमार्टम करने के निर्देश दिए मगर अभी तक कोई कार्य नही हुआ हैं। गौरतलब हो डॉ पल्लवी जयशवाल पर पूर्व में भी विभागीय कार्यवाही हो चुकी हैं बावजूद इस के वे अपने कार्टियों का निर्वहन निष्ठापूर्वक नही कर रही हैं। शिकायतकर्ता देवेश आदमी ने इस घटना की सूचना पशुपालन निदेशालय देहरादून CDO पौड़ी District Magistrate Pauri Garhwal व पशुपालन सचिव हरवंश चुग से किया। CVO पौड़ी का कहना हैं कि डॉ के 1 महीने का पगार रोका गया हैं पशुपालन सचिव ने कठोर कार्यवाही का भरोसा दोया हैं किंतु सवाल यह हैं कि पीड़ित किसान को क्या मिला? इस तरह से पहाड़ों में अधिकारियों का रवैया आएदिन आता रहता हैं। प्रायः अधिकारियों की बेरुखी का शिकार पहाड़ी होते रहते हैं। यदि अधिकारियों को पहाड़ों में कार्य खानापूर्ति ही करनी हैं तो पोस्टिंग क्यों लिया जाता हैं। बेलगाम अधिकारियों पर कौन लगाम लगाएगा। यदि नीचे तबके के अधिकारी उच्च अधिकारियों का भय नही मानते तो जनता उन के लिए क्या हैं। जनता की सुनने वाला कोई नही हैं।
श्री कल्याण सिंह रावत ने CVO पौड़ी से हरजाने की मांग की हैं उन का कहना हैं कि अधिकारियों के हॉस्पिटल में न होने की वजह से उन को विगत 1 वर्ष में 2 बार नुकसान हुआ हैं इस से पूर्व भी हैजा रोग की वजह से उन की 222 मुर्गियां मरी थी। इस में सरकारी कमियां लापरवाही नजर आती हैं। जिस के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नही।