गोपन विभाग को आयोग द्वारा भेजी गई गलत रिपोर्ट।
रिपोर्ट-विजय रावत
अल्पसंख्यक आयोग को गोपन विभाग द्वारा 2 उपाध्यक्ष को मनोनीत करने का शासनादेश तो जारी हो गया मगर आयोग उस समय सकते में आ गया जब उन्हें ये पता चला कि अभी जो हाल ही में उपाध्यक्ष पद में है उनका 1 साल का कार्यकाल ओर शेष है तो आनन-फानन में उन्हें सरदार इकबाल खान की जोइनिंग रविवार के दिन ही करनी पड़ी ।
अब मजहर-नवाब-नईम को जोइनिंग तो नही मिल पाई मगर अपनी इस भूल को सुधारने के लिए सरकार उन्हें सारे राज्य-मंत्री स्तर की सुविधायें बिना पद ग्रहण किये दे रही है।
जब इस विषय पर गोपन सचिव अमित सिंह नेगी से सवाल किया गया की आखिर गोपन विभाग द्वारा क्यो 1 रिक्त पद में दो लोगो को कैसे मनोनीत कर दिया जबकि 1 उपाध्यक्ष का अभी कार्यकाल समाप्त ही नही हुआ है।
इसपर अमित नेगी का कहना है कि आयोग की तरफ से उन्हें 2 रिक्त पद का प्रस्ताव आया था।
जबकि अल्पसंख्य आयोग के सचिव जी.ऐस.रावत का कहना है कि गोपन विभाग को 1 रिक्त पद का प्रस्ताव भेजा गया था ये गलती शासन स्तर की है जो अब अपने गलती छुपाने के लिए आयोग पर गलत आरोप लगा रहे है।
वंही जब मजहर-नवाब-नईम से पूछा गया कि वह बिना पद ग्रहण किये राज्यमंत्री स्तर की सुविधाएं क्यो ग्रहण किये हुवे है तो उनका कहना था कि शासन की तरफ से उन्हें मनोनीत किया गया है बल्कि जो अल्पसंख्यक आयोग के 4 साल के उपाध्यक्ष पी.सतीश जॉन गलत आयोग में बैठे है उनकी जोइनिंग अल्पसंख्यक कल्याण आयोग में हुई थी जो कि अभी तक अल्पसंख्यक आयोग में बैठे है इस विषय मे जांच की जरूरत है।
कुल मिलाकर शासन-आयोग एक दूसरे के ऊपर गलतियों का भांडा फोड़ रहे है और सरकारी धनराशि का गलत उपयोग हो रहा है बिना पद ग्रहण किये हुवे ही सारी सरकारी सुविधायों का लाभ उठाया जा रहा है और सरकारी धनराशी की बंदरबांट विभागों में खूब चल रही है।
जीरो टॉलरेन्स वाली सरकार के विभाग इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहे है।