डोईवाला
रिपोर्ट -ज्योति यादव
आज डोईवाला स्थित हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट ने राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान अस्पताल जितने भी किडनी ट्रांसप्लांट हुये है, उनके परिवार में जिसने भी अंगदान (किडनी) किया है, उन्हें सम्मानित किया गया।
शनिवार को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये प्रति कुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान ने कहा कि भारत में पिछले 10 सालों से हर साल 27 नवंबर को ‘राष्ट्रीय अंग दान दिवस’ मनाया जाता जा रहा है। अंग दान दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंगदान के लिए जागरूक करना है। अंगदान का कोई विकल्प नहीं है। एक ब्रैन डेड व्यक्ति के लीवर, हार्ट, कार्निया, पैनक्रियाज, फेफड़े कितने लोगों को जीवन दे सकते है।
हिमालयन हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्साधीक्षक ने डॉ. एसएल जेठानी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में दान का बड़ा महत्व है, जिसको विश्व ने अपनाया है। परंतु अंगदान व देह दान महादान कहलाता है क्योंकि मृत्यु के बाद भी मृत व्यक्ति के अंग किसी दूसरे व्यक्ति को नया जीवन देते है। मानवता की सेवा करना ही अस्पताल का ध्येय रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट को ही किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति है और किडनी के सफल प्रत्यारोपण किये जाते है।
इसके साथ ही अस्पताल में शीघ्र ही लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
डीन हिमालयन इंस्टिट्यूट आफ मेडिकल सांइसेज डॉ. मुश्ताक अहमद ने कहा कि अंगदान में कमी का मुख्य कारण लोगों में दान की प्रक्रिया के बारे में जागरूकता की कमी है। हांलाकि, कई गैर सरकारी संगठन और सार्वजनिक संगठन इस बारे में जागरूक है।