अल्मोडा में सरकारी भूमि में अतिक्रमण कर बिना मान्यता के स्कूल चलने का गोरख धंधा लम्बे समय से चल रहा है । प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसकी पूरी जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग इन स्कूलों पर कोई कारवाही करता नही दिख रहा है।इस बात का खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है कि किस तरह से अल्मोडा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बिना मान्यता के स्कूल संचालित किए जा रहे है। बिना मान्यता स्कूल संचालित कर रहे ये लोग जहां सरकार को राजस्व का घाटा कर रहे है वहीं यह बच्चों के भविष्य के साथ भी बडा खिलवाड कर रहे है। सरकार व शिक्षा विभाग भले ही इन स्कूलों पर अंकुश लगाने का दावा करे, लेकिन इनकी मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अतिक्रमण कर मान्यता व मानकों के विपरीत चलने वाले स्कूलों की फेहरिस्त काफी लंबी है। इनमें छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर के स्कूल शामिल हैं। इस संबंध में एक ताजा मामला जनपद के भतरौजखान के एक बड़े स्कूल का प्रकाश में आया है। लेकिन शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग कोई कदम नही उठा रहा है। ऐसा लग रहा है कि इसको शिक्षा विभाग के सरंक्षण में संचालित कर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है।
सूचना के अधिकार अधिनियम कानून के तहत मिली जानकारी के मुताबिक जनपद अल्मोडा के भतरौजखान स्थित डीएनपी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल राज्य सरकार की भूमि पर अतिक्रमण कर बिना मान्यता के लम्बे समय संचालित हो रहा है। भतरौजखान निवासी गौरव शर्मा और मनमोहन शर्मा ने आरटीआई के तहत डीएनपी सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की मान्यता के संदर्भ में शिक्षा विभाग और उत्तराखण्ड बोर्ड से जानकारी मांगी थी। शिक्षा विभाग और उत्तराखण्ड बोर्ड ने सूचना का अधिकार में बताया कि डीएनपी सीनियर सेकेण्डरी को कक्षा 1 से 12 तक कोई मान्यता नही है। और जिस जगह पर स्कूल बना है वह भी राज्य सरकार की भूमि पर कब्जा कर बिना मानको के संचालित किया जा रहा है। यहीं नही अतिक्रमण पर बिना मान्यता, मानकों के चल रहे स्कूल पर लाखों रूपये की विधायक, सांसद निधि का पैसा भी खर्च किया जा रहा है। ऐसा नही कि इन सबकी जानकारी शिक्षा विभाग के पास नही है शिक्षा विभाग के पास पूरी जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग ने स्कूल को बन्द करने के बजाए शिक्षा विभाग स्कूल को संरक्षण देने में लगा हुआ है वहीं राज्य सरकार की भूमि पर अवैध अतिक्रमण पर विद्यालय प्रबन्धक ललित मोहन करगेती का उप्र सार्वजनिक भूमि अधिनियम 1972 धारा 4,5,एवं 7 के तहत 6लाख 99 हजार 9सौ99 रूपये का चालान भी काटा गया है। यही नही इसके अलावा भी अल्मोडा के चैखुटिया में विजडम पब्लिक स्कूल दिगौत और नवप्रभात पब्लिक स्कूल बसभीडा भी बिना मान्यता के संचालित हो रहे है जिसको शिक्षा विभाग सिर्फ नोटिस देकर अपना कार्य पूर्ण समझ रहा है। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि जब स्कूलों के बारे में आरटीआई लगायी तो पहले शिक्षा विभाग ने उनकी आरटीआई का कोई जवाब नही दिया बाद में अपील के बाद उनको आरटीआई में मांगी सूचना दी गयी। उसमें शिक्षा विभाग ने सूचना दी है इन स्कूलों की कोई मान्यता नही है। उन्होने कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड को लेकर प्रशासन और शिक्षा विभाग से शिकायत की गयी है लेकिन प्रशासन व शिक्षा विभाग इन स्कूलों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नही कर सका। उनका कहना है कि जो व्यक्ति स्कूल संचालित कर रहा है वो राजनैतिक रसूख रखता है जिस कारण इस पर प्रशासन कार्यवाही नही कर पा रहा है। उनका कहना है कि अगर शासन प्रशासन स्तर से इन स्कूलों पर कोई कार्यवाही नही होती है तो वह हाई कोर्ट के शरण में जाएगे।
वहीं शिक्षा अधिकारी ने भी माना कि अल्मोडा में बिना मान्यता के स्कूल संचालित हो रहे है मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी ने कहा कि बिना मान्यता के संचालित स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। और बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों की रिपोर्ट सक्षम स्तर तक पहुचा दी गयी है इस पर कार्रवाही करने का कार्य जिला प्रशासन और उच्च स्तर के अधिकारीयों का है । वो ही इस पर कोई कार्रवाही करेंगे।