पीपीपी मोड में अस्पताल होने से असामाजिक तत्वों को खासी दिक्कत कर रहे अस्पताल प्रशासन को बदनाम
. कोरोनाकाल में देष भर में हुई ब्लड की कमी
.ब्लड बैंक का रिजर्व ब्लड इमरजेंसी में बनता है जीवनरक्षक
.अस्पताल ने आमजन से की रक्तदान की अपील
पौड़ी। जिला अस्पताल पौड़ी को पीपीपी मोड पर दिए जाना कुछ असामाजिक तत्वों को रास नहीं आ रहा है। पौडी में ऐसे ही कुछ लोग निजी स्वार्थों के कारण अस्पताल की छवि को खराब करने का काम कर रहे हैं। सेवा प्रदाता श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबन्धन जिला अस्पताल की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नियमित काम रहा है। पीपीपी मोड के बाद मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार, सुविधाएं व स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए विभिन्न टीमें काम कर रही हैं। इसका सकारात्मक असर भी पौड़ी अस्पताल में आने वाले मरीज़ देख रहे हैं व वर्तमान सेवाओं की सराहना भी कर रहे हैं। पीपीपी मोड के बाद अस्पताल में नियमित सिजेरियन डिलीवरी हो रही हैं। इससे पहले महिला मरीजों सिजेरियन डिलीवरी के लिए श्रीनगर या देहरादून रैफर किया जाता था। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रबन्धन ने प्रेस नोट जारी कर उपरोक्त बिन्दुओं पर जानकारी दी व कहा कि पौड़ीवासियों के सामने सही तस्वीर प्रस्तुत होनी चाहिए।
ब्लड बैंक का रिजर्व ब्लड इमरजेंसी में बनता है जीवनरक्षक
अस्पताल प्रबन्धन ने कहा कि मिथक जानकारी पर हम सभी को चुप्पी तोड़नी चाहिए। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि कि सड़क दुर्घटना या इमरजेंसी में मरीज़ को किसी व्यक्ति या परिवार वाले के द्वारा उसी समय दिया गया ब्लड बिना मेडिकल परीक्षण के मरीज़ को नहीं चढ़ाया जा सकता है। अस्पताल के ब्लड बैंक का आरक्षित ब्लड ही मरीज़ के लिए जीवनदाई बनता है। इस आधार पर अस्पताल क ब्लड बैंक के पास ब्लड होना चाहिए। काबिलेगौर है कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश भर में रक्त की कमी हुई है। बड़े समूहों में रक्तदान पर मनाही है, स्कूल, काॅलेज, शैक्षणिक संस्थान, यूनीवर्सिटी, छोटे-बड़े आफिसेज़ या तो कोरोना महामारी के चलते बंद हैं और या वहां पर सीमित संख्या में लोग उपलब्ध हैं। अस्पतालों व ब्लड बैंकों को अच्छी संख्या में ब्लड यूनिट्स उपलब्ध करवाने वाले इन केन्द्ररों पर आज सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसी विकट परिस्थितयों में अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों को विनम्रतापूर्वक रक्तदान की अपील की जा रही है, क्या यह अपील गलत है ?
मंगलवार को प्रेस नोट जारी कर अस्पताल प्रबन्धन ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश भर के मेडिकल संस्थान, डाॅक्टर, नर्सिंग स्टाफ सहित स्वास्थ्यकर्मी अग्रिम पंक्ति में सेवाएं दे रहे हैं। जिला अस्पताल पौड़ी भी अपने स्तर पर यथासम्भव योगदान दे रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर में हम सभी बेहद नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। अस्पतालों, डॉक्टरों की मेडिकल टीमों पर अनर्गल आरोप उनके मनोबल को गिराने का काम करते हैं। समाज के हर वर्ग को ऐसे आरोपों की कड़े शब्दों में भत्र्सना करनी चाहिए।
जिला अस्पताल में रक्तदान के लिए युवाओं व समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को आगे आकर पहल करनी चाहिए। रक्तदान महादान है। रक्तदान के लिए जागरूकता की आवश्यकता है व हर आय वर्ग के लोग इस अनूठी पहल में जुड़ सकते हैं। जिला अस्पताल में डिलीवरी के बाद प्रसूताओं को घर भेजने के एवज में मांग रहे खून इस आरोप को जिला अस्पताल प्रबन्धन ने दोबारा प्रेस नोट के माध्यम से सरासर गलत बताया। कुछ लोग दबाव बनाकर डाॅक्टरों व मेडिकल टीम को अपना काम नहीं करने देना चाहते हैं, ऐसे आरोप सरासर गलत हैं। समाज के सामने सही तस्वीर पेश होनी चाहिए।
जिला अस्पताल, पौड़ी आमजन की सेवाओं के लिए समर्पित है। हमारा प्रयास है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं दी जाएं। अस्पताल प्रबन्धन के द्वारा बेहतर उपचार व बेहतर सुविधाएं देने के लिए नियमित प्रयास किये जा रहे हैं, भविष्य में भी यह प्रयास जारी रहेंगे। जिला अस्पताल में रक्तदान के लिए रक्तदाताओं से अपील है कि वे रक्तदान में सहयोगी बनें व किसी जरूरतमंद को जीवनदान देने का पुण्य अर्जित करें। जिला अस्पताल में होने वाले रक्तदान का लाभ आवश्यकता पड़ने पर पौड़ीवासी मरीजों को मिलेगा। इसलिए रक्तदान की मुहिम में सहयोगी बनें।