क्या PM अपने CM की करवाएंगे CBI जांच।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के घोटालों की क्यों नहीं होती CBI जांच।
Report-vijay rawat
सरकार के पास जो सीबीआई नामक ब्रह्मास्त्र है उसका विपक्षी पार्टियों पर खूब उपयोग होता है, चाहे केंद्र में सरकार किसी की भी रहे वह सीबीआई नामक इस वेपन का विरोधियों के ऊपर खूब उपयोग करती है।
पर सवाल यह है कि अपनी सरकार के ऊपर उठ रहे भ्र्ष्टाचार के मामलों पर इस वेपन का उपयोग क्यों नहीं होता, केंद्र से लेकर उत्तराखंड में कई ऐसे मामले है जिसे सीबीआई टेकओवर कर रही है ,चाहे सेंटर के पी चितम्बर की बात करें या उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ये सभी सीबीआई नामक वेपन से त्रस्त हैं ।
इसी को लेकर जन संघर्ष मोर्चे के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उत्तराखण्ड प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत पर सीबीआई जांच की मांग उठाई है उन्होंने कहा की सैकड़ों करोड़ रूपये के खनन, शराब, ढैंचा बीज, काली कमाई से सम्पत्ति अर्जित करने आदि तमाम घोटालों के सम्बन्ध उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से है।
नेगी द्वारा अबतक राजभवन व पीएमओ को शिकायती पत्र प्रेषित किये गये है,
शिकायत में उन्होंने सभी घोटालों के पुख्ता साक्ष्य भी संलग्न किये हुवे है
नेगी ने कहा कि पुख्ता साक्ष्य देने के बाद भी आज तक इन प्रकरणों पर सीबीआई जाँच तो दूर, कोई कार्यवाही तक नहीं हुई। त्रिवेन्द्र रावत के खानदान के भ्रष्टाचार के स्टिंग वीड़ियो पूरे देश में वायरल हो रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
उक्त के साथ-साथ प्रदेश के सैकड़ों करोड़ का NHRM, NH-74, आपदा, छात्रवृत्ति आदि तमाम घोटाले, जिनमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नेताओं की संलिप्तता है, आज तक इसकी भी CBI जाँच नहीं करायी गयी।
नेगी ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार को उखाड़ फेंकने में राजभवन द्वारा बगैर साक्ष्यों एवं परीक्षण कराये रातों-रात सीबीआई जाँच की सिफारिश कर दी, उक्त मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि दिनांक 25.03.2016 को मात्र एक विधायक की शिकायत पर मात्र एक सप्ताह में यानि 02.04.2016 को CBI जाँच की सिफारिश करना तथा 05.05.2016 को फिर उस मामले में शुद्धिपत्र जारी करना बहुत गम्भीर मामला है।
मुख्यमंत्री पर CBI की मांग को लेकर आज मोर्चे ने विकाशनगर तहसील के घेराव किया और SDM को इसका ज्ञापन सौंपा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि अपनी ही सरकार के ऊपर केंद्रीय सरकार क्या कदम उठाती है।
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