श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में इस सत्र से पढ़ाई जाएगी संस्कृति और गढ़वाली भाषा
– आपदा प्रबन्धन (डिजास्टर मैनेजमेंट) पर विशेष कोर्स भी इस सत्र से होगा शुरू
– गढ़वाली भाषा के प्रति बढ़ रही रूचि, रोज आ रहे हैं कई लोगों के फोन
देहरादून। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में अब आप पढ़ सकेंगे अपनी गौरवशाली गढ़वाली भाषा और संस्कृति। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसके लिए स्वर्णिम अवसर प्रदान किया है। श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन प्रबंधन का कहना है कि लंबे समय से इसकी मांग हो रही थी। प्रदेश के प्रबुद्ध लोगों ने इस पर खुशी जताई है। प्रदेशवासियों का कहना है कि लोगों का गढ़वाली भाषा के प्रति रुझान बढ़ रहा है। इस विषय के विश्वविद्यालय में खुल जाने से अब देश-विदेश के इच्छुक विद्यार्थी गढ़वाली भाषा एवं संस्कृति विषय से बीए (स्नातक) और एमए (स्नातकोत्तर) की डिग्री हासिल कर सकेंगे। यह जानकारी श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ यूएस रावत ने दी।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने इस सत्र से गढ़वाली भाषा एवं संस्कृति की पढ़ाई के इच्छुक छात्र-छात्राओं से आवेदन मांगे हैं। इच्छुक छात्र-छात्राएं दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। कुलपति डॉ. यू.एस.रावत ने जानकारी दी कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज का गढ़वाली भाषा एवम् संस्कृति के प्रति गहरा लगाव एवम् इच्छा का ही परिणाम है कि विश्वविद्यालय में यह बी.ए. एवं एवम् एम.ए. के कोर्स में शामिल की गई है। विश्वविद्यालय गढ़वाली भाषा एवम् संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्युमैनिटीज एंड सोशियल साइंसेज की डीन डॉ. गीता रावत का कहना है कि, उन्हें काफी संख्या में रोज गढ़वाली भाषा पढ़ने वालों के फोन आ रहे हैं।
कई लोग ई-मेल पर अपने सुझाव भी दे रहे हैं। उन्होंने सभी बुद्धिजीवियों से ई-मेल पर अपने सुझाव देने का आग्रह किया है। ताकि पाठ्यक्रम को और बेहतर बनाया जा सके। साथ ही साथ गढ़वाली भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सहयोग की अपील की है। उन्होंने इन फोन नंबरों 9368771835, 8077408608 पर भी व्हाट्सअप के माध्यम से प्रदेशवासियों से सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही इसी वर्ष से पढ़ाए जाने वाले विषयों में होम साइंस, संगीत, ड्राइंग एवं पेंटिंग विषयों को भी बीए एवं एमए में शामिल किया गया है। अर्थशास्त्र में एमए भी इस सत्र से शुरू किया गया है। उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति व परिस्थितियों को देखते हुए विश्वविद्यालय इस सत्र से आपदा प्रबन्धन डिजास्टर मैनेजमेंटद्ध पर भी विशेष कोर्स शुरू करने जा रहा है।
इसके साथ ओ.टी. टेक्नीशियन, स्पा, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर व कम्प्यूटर से जुड़े विशेष रोजगारपरक सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों का संचालन भी शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि, मनोविज्ञान और डिफेंस स्टडीज जैसे लोकप्रिय विषयों सहित 14 से अधिक विषय पहले से ही स्कूल ऑफ ह्युमैनिटीज एवं सोशियल साइंसेज के तहत विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा रहे हैं। अब योग एवं मॉस कम्युनिकेशन के साथ ही बी.ए. और एम.ए. स्तर पर नए कोर्स जुड़ने से विश्वविद्यालय के इस स्कूल के अन्तर्गत करीब 20 विषयों की पढ़ाई होगी। जिससे विद्यार्थियों के पास अधिक विषयों में से अपनी पसंद के विषय चुनकर करियर बनाने का विकल्प होगा। कई विषयों में पीएचडी भी करवाई जा रही है।