नर्सिंग भर्ती विवाद: हाईकोर्ट का आदेश, दोबारा चयनित अभ्यर्थियों पर सरकार लगाए रोक
देहरादून। नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया में एक और विवाद सामने आया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए उन अभ्यर्थियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जिनका नाम पहले चयनित सूची में था और अब उन्हें दोबारा भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की अदालत में हुई। याचिकाकर्ता नवल पुंडीर और अनीता भंडारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि पहले चयनित और अब दोबारा शामिल किए गए अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेशों पर रोक लगाई जाए।
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि इस प्रक्रिया से योग्य और नए अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। अदालत ने सरकार से स्पष्ट किया कि वह सुनिश्चित करे कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
इस आदेश के बाद नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया की विसंगतियों को दूर करे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला राज्य की भर्ती प्रक्रियाओं में चल रही अनियमितताओं को उजागर करता है। अब देखना होगा कि सरकार इस आदेश पर अमल कैसे करती है और भर्ती प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए क्या कदम उठाती है।