बालविकास महिला सशक्तिकरण विभाग में 10 करोड़ का मोबाइल घोटाला।
Report- VIJAY RAWAT
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के प्रदेश संगठन की अध्यक्ष श्रीमती रेखा नेगी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहद कम जीबी वाले फोनों दिए गए जो मार्केट कीमत से दुगने दामों में खरीदे गए ,महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग(आईसीडीएस) में मोबाइल खरीद घोटाले की साफ़ तौर पर बू आ रही है,विभाग की ओर से राज्य की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जो स्मार्ट फोन दिये गये हैं, उनके मूल्य और गुणवत्ता के आधार पर उनके सौदे को लेकर सवाल उठ रहे हैं?शिकायत है कि निम्न गुणवत्ता का मोबाइल फोन बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदे गये जिससे सरकार को लाखों रूपये की चपत लगी।केन्द्र सरकार की पोषण योजना के तहत देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखण्ड में भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराये गये हैं,आईसीडीएस ने ये मोबाइल फोन जेम पोर्टल के जरिये लावा कम्पनी के (लावा जेड 61 टू जीबी) खरीदे। राज्य की सभी 20076 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ये स्मार्ट फोन वितरित कर दिये गये हैं,कहा गया कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से न केवल आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की कार्यक्षमता में बढ़ेगी,बल्कि कार्य भी साफ सुथरे और पारदर्शी तरीके से हो पायेंगे, पर यही फोन कार्यकत्रियों के लिये जी का जंजाल बन गये हैं,विभाग से उन्हें आदेश दिये गये हैं कि वे अब 14 रजिस्टरों का काम मैनुअली करने के बजाए स्मार्ट फोन पर करें। फोन के जरिये ही कार्यकत्रियों की लोकेशन, दिनभर किये गये कार्य आदि की मॉनीटरिंग भी होनी है। कार्यकत्रियों को दिए गए फोन में से कुछ में दिक्कत यह आ रही है कि फोन या तो ऑन नहीं हो रहे हैं या फिर उनमें नेटवर्क नहीं आ रहा है। ऐसे में उन्हें परिजनों के मोबाइल से हॉट स्टपॉट के जरिये इण्टरनेट शेयर करना पड़ रहा है ताकि वे अपनी रिपोर्ट विभाग को भेज सकें। कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपने खराब नये फोन सुपरवाइजर व मास्टर ट्रेनर को सौंप दिये हैं।बाजार में लावा जेड61,2 जीबी मोबाइल फोन की कीमत अमेजोन पर 5394 व फ्लिपकार्ट पर 4980 रूपया है। जबकि केन्द्र सरकार से पोष योजना के तहत राज्य सरकार को इसके लिये 10 हजार रूपया प्रतिमोबाइल के हिसाब से बजट दिया गया। इस तरह मोबाइल खरीद में लगभग दस करोड़ का घोटाला साफ़ तौर पर नजऱ आ रहा है,हाल ही में इस सम्बंध में मुख्यमंत्री को एक शिकायत की गई है,जिसमें कहा गया है कि विभाग ने ये मोबाइल बाजार मूल्य से प्रति लगभग 3500 रूपया अधिक दाम पर खरीदे।आईसीडीएस निदेशक झरना कामठान ने स्वीकार किया है कि लावा कम्पनी का जो मोबाइल फोन जो विभाग ने खरीदा है उसके दाम बाजार में कम हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने अपने सॉफ्टवेयर के हिसाब से डायरेक्ट कम्पनी से ये मोबाइल फोन बनवाये और खरीदे। इसलिये इसके दाम अधिक हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को जो शिकायत इस सम्बंध में मिली थी वो गुमनाम पत्र था,इसलिये उसे गंभीरता से नहीं लिया गया,मोबाइल घोटाला प्रकरण और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की समस्याओं पर चर्चा के लिये आंगनबाड़ी कार्यकत्री /सेविका/ मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश स्तरीय बैठक श्रीमती रेखा नेगी जी की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यालय देहरादून में आयोजित की गई बैठक में सरकार द्वारा दिए जा रहे फोन पर पहले से ही अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुकी श्रीमती रेखा नेगी ने अपनी आवाज फिर बुलंद की और कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जीरो टोलरेंस मे लाखों का मोबाइल खरीद कर सशक्त बनाने में जुटी है और सरकार इतने कम जी बी वाले फोनों को लेकर भारत को मजबूत बनाने की बात करती है जबकि विभाग द्वारा दिए गए फोन की क्वालिटी बहुत घटिया है जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने बताया कि फोनों के साथ साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ का मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ रहा है जिस कारण कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां डिप्रेशन में आ गई है और आत्महत्या करने के लिए विवश हो रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार से ये अपील की है हमारे कार्य को देखते हुए हमारा मानदेय 18000 रुपया
किया जाये,अगर सरकार हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक रवैया नहीं रखती है तो हमें मजबूरन धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा,संगठन ने यह निर्णय लिया है कि आगामी 18-11-19 को पूरे प्रदेश में समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी परियोजना में एक दिवसीय धरने के माध्यम से सरकार को अपना मांग पत्र भेजेगीं,