प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तार से निकली चिंगारियां और धुआं देखकर श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इसी अफरा-तफरी में कई लोग जमीन पर गिर पड़े और दबने से गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रशासन को आशंका है कि हादसे में 6 से 7 लोगों की मौत हो सकती है, हालांकि अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
घटना की जानकारी मिलते ही गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी शुरू की। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मौके पर पुलिस, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें सक्रिय हैं और हालात को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं।
मंदिर क्षेत्र को एहतियातन खाली कराया गया है और आस-पास के मार्गों पर यातायात नियंत्रण में रखा गया है। सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी घटना की जानकारी ली है और मुख्यमंत्री स्वयं लगातार स्थिति की अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांगा है। साथ ही, उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह से बचने की अपील की है।
प्रशासन का कहना है कि घायलों और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है। सावन के मौके पर भारी भीड़ और अव्यवस्थित विद्युत व्यवस्था को हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है।