दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में आज आम आदमी पार्टी देशव्यापी स्तर पर प्रदर्शन करेगी। दिल्ली में आप समर्थक और कार्यकर्ता भाजपा मुख्यालय के सामने प्रदर्शन करेंगे। शराब घोटाले के सिलसिले में कल 8 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। सिसोदिया को आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि हम देशव्यापी स्तर पर सोमवार को प्रदर्शन करेंगे। पाठक ने ट्वीट किया कि देश के लाखों बच्चों का भविष्य संवारने वाले महान शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को एक फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया है. इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी सोमवार को देश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की रविवार रात गिरफ्तारी के बाद दिल्ली का माहौल गरमा गया है। इसे देखते हुए दिल्ली में अलर्ट जारी कर दिया गया है। विशेष पुलिस आयुक्त ने दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली थी। थानाध्यक्षों समेत थाना पुलिस को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। महिला पुलिसकर्मियों को रात भर थाने में रहने के आदेश दिए गए है। दिल्ली में किसी भी जगह प्रदर्शन व धरना को रोकने के अलावा लोगों को एक जगह एकत्रित होने से रोकने के लिए कहा गया है। सभी जगह कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कहा गया है। दिल्ली पुलिस को इनपुट मिले है कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में आप नेता व समर्थक हंगामा व प्रदर्शन कर सकते हैं।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के साथ ही दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में आ गई। उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस के दोनों जोन के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक व डा. सागरप्रीत हुड्डा सक्रिय हो गए। उन्होंने थानाध्यक्षों समेत सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों को वायरलैस पर व व्हाट्सएप मैसेज कर अलर्ट रहने के आदेश दिए। सभी थाना पुलिस को इलाके में गश्त करने व पिकेट लगाकर चेकिंग करने के आदेश दिए गए हैं। लोगों के सीबीआई मुख्यालय की ओर से आने से रोकने के लिए कहा गया। वार्ड व विधानसभा स्तर पर संभावित प्रदर्शनों को रोकने के लिए कहा है।
यह है पूरा मामला
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2021-22 की नई आबकारी नीति लागू करने के मामले में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की है। सबूत मिटाने, खातों में हेरफेर, भ्रष्टाचार, अनुचित लाभ देने और लेने का आरोप लगाया गया है। मामले में जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो दिल्ली सरकार ने अपनी नई नीति को ही वापस ले लिया और फिर से निजी हाथों की जगह सरकारी निगमों को शराब बिक्री करने की इजाजत दे गई। यानि कि पूरी योजना को ही सरकार ने वापस ले लिया था। तब से विपक्ष यह सवाल उठा रहा था कि जब आबकारी नीति में भ्रष्टाचार नहीं हुआ था तो पूरी योजना क्यों वापस लेने पर सरकार मजबूर हुई। दाल में कहीं न कहीं काला तो है।