राष्ट्रनिर्माता मजदूर आज दो जून की रोटी के लिऐ हुआ मोहताज
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने ओध्यौगिक नगरी सेलाकुई में कंपनियो में काम करने वाले मजदूरो क़ो सड़क पर ला दिया है। राष्ट्र निर्माता मजदूर आज दो जून की रोटी के लिऐ भी मोहताज हो गया। हालाकि सरकार सभी तक खाद्य सामग्री पहुंचाने व मजदूरो क़ो कंपनियो से सैलरी दिलाने के दावे कर रही लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। सेलाकुई थाने में आज पाँच सौ से अधिक मजदूर इकट्ठा हो रखे थे, जिनके पास खाने की कोई व्यवस्था नही है। ऐसे में इतनी भारी संख्या में मजदूरो के इकट्ठा होने से संक्रमण का खतरा भी पैदा हो सकता है, तो वही बात की जाये मजदूरो के खाने की व्यवस्था के तौर पर सरकारी सहायता कोई खास देखने क़ो नही मिल रही।
सेलाकुई थाना पुलिस द्वारा मजदूरो के खाने की व्यवस्था अपने माध्यम से की जा रही है। सेलाकुई थानाध्यक्ष विपिन बहुगुणा रात दिन इन मजदूरो के खाने की व्यवस्था में जुटे रहते है। जिससे कोई भी भूखा ना रहे। लेकिन जिस तरह थाना परिसर में भीड़ इकट्ठा हो रही है। यह चिंता का विषय बन सकती है, ऐसे में सरकार और प्रशासन क़ो चाहिए था कि, सभी मजदूर परिवारो क़ो चिन्हित कर उनके घरों तक खाद्य सामग्री पहुचायी जानी चाहिए थी, जिससे कि लॉकडाउन का पालन भी हो जाता और सोशल डिस्टेंस भी बना रहता। लेकिन अब इन मजदूरो के सामने तो दो जून की रोटी के भी लाले पड़े है। इन्हें तो जहां भी खाना मिलेगा वही जाना इनकी मजबूरी है। लेकिन सरकार क़ो इस और गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। ऐसे में अगर इस भीड़ में कोई भी व्यक्ति संक्रमित पहुंच गया तो हालात संभालने मुश्किल हो जाऐंगे।