आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में बगावत शुरू
– इस बार भी कांग्रेसी ही बनेंगे कांग्रेस के पतन का कारण
– 2017 में बागी प्रत्याशियों को 2022 में टिकट दिए जाने पर करेंगे विरोध
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। उत्तराखंड कांग्रेस में बगावत के सुर अभी से उठने लगे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बागी होकर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले लोगों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी मे अहम पद दिए जाने से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ मे नाराजगी देखने को मिल रही हैं। सहसपुर विधानसभा के झाझरा मे कांग्रेस के कद्दावर नेताओ ने एक बैठक के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की है। इस दौरान पूर्व मे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहें किशोर उपाध्याय ने क़हा कि, जिस तरह की स्तिथि वर्तमान मे प्रदेश मे बन रही है उससे कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। इस तरह की व्यवस्था से कांग्रेस के पुराने नेताओ की भावनाए आहत हो रही है।
साथ ही उन्होने क़हा कि, जल्द ही सभी पुराने कांग्रेसी नेता मिलकर विधानसभा में अपनी स्तिथि को मजबूत करने के लिऐ एक मुहिम छेड़ी जायेगी। इस दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी तंज कसा है। कही ना कही कांग्रेस में बगावत की बू आ रही है। तो वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद चौहान, आजाद अली, गुलजार अहमद ने भी 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने वाले बागियों को अहम पद पर ताजपोशी किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है, तो वही यह भी क़हा है कि, अगर पार्टी 2017 विधानसभा चुनाव में बागी होकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों को 2022 में टिकट देती है तो उनका विरोध किया जाऐगा।
उन्होंने यह भी क़हा कि, पार्टी को स्थानीय व्यक्ति को टिकट देना चाहिऐ। जिससे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन सके। सहसपुर विधानसभा में हुयी बैठक में कांग्रेस के कई स्थानीय कद्दावर नेता मौजूद रहें। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि, एक बार फ़िर कांग्रेस में बगावत हो गयी। जो 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिऐ गले की फांस बनने वाली है, तो वही इस मामले में जब हमने कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने क़हा कि जो लोग आज बगावती तेवर दिखा रहें है इनकी वजह से ही पार्टी को देहरादून जिले की कई सीटो से हाथ धोना पड़ा था।
पूर्व में कांग्रेस के ही कुछ नेताओ ने अपने निजी स्वार्थो के चलते सहसपुर विधानसभा में मुझे पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने दिया। जिसका खामियाजा पार्टी को सहसपुर विधानसभा, विकासनगर विधानसभा, धर्मपुर विधानसभा, में हार के तौर उठाना पड़ा। साथ ही क़हा कि, कांग्रेस में कुछ लोग पार्टी की मजबूती के लिऐ नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थो के चलते मनमानी कर रहें है। जिससे उनका निजी स्वार्थ सिद्ध हो जाये लेकिन पार्टी को चाहे कोई भी नुकसान हो।