अनुज नेगी
पौड़ी। वन मंत्री के विधानसभा में रिवर ट्रेनिंग के नाम पर जमकर रातभर भारी मशीनों से अवैध खनन का कारोबार जोरो चल रहा है। खनन कारोबारी इन दिनों चांदी कूटने में लगे है। वही दूसरी ओर प्रशासन कुम्भकर्णीय नींद सो रखा है, जिसके कारण राजस्व को भारी क्षति हो रही है।
जनपद पौड़ी के कोटद्वार में इन दिनों सुखरो और खोह नदी में रिवर ट्रेनिंग का कार्य किया जा रहा है, जहाँ खनन कारोबारी रातभर भारी मशीनों से अवैध खनन कर रहे है, जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। वही कोटद्वार का सरकारी अमला या यूं कहें प्रशासन कुम्भकर्णीय नींद सो रहा है। वही कई अधिकारी छुट्टियां बिता रहे हैं, खनन कारोबारियों द्वारा दिन रात मानको के विपरीत पोपलेंड मशीनों से नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। यही नही कोटद्वार की व्यस्त सड़को पर खनन कारोबारियों के डम्पर ओवर लोड बोल्डर लेकर बेख़ौफ ओवर स्पीड दौड़ रहे है।
लगता है पुलिस प्रशासन ने कोटद्वार लोगो की जिंदगी का सौदा चंद सिक्को के लिए कर चुका है। जीरो टॉलरेंस की सरकार में बेख़ौफ होकर खनन कारोबारी अपनी सत्ता चला रहे हैं और प्रशासन उनके आगे नतमस्तक है।
वही जब मीडिया ने वनमंत्री हरक सिंह रावत से रिवर ट्रेनिंग के नाम पर रातभर हो रहे भारी मशीनों से अवैध खनन के बारे में पूछा गया तो वनमंत्री ने रात में खनन होना जरूरी बताया है, क्योंकि नदियों में कभी भी उबार आ सकता है। नदी की सफाई के लिए रात को खनन जरूरी है।
नदी से उप खनिज निकाल कर या तटबंध आदि बना कर नदी को अपने प्राकृतिक स्वरूप में रहने देना ही रिवर ट्रेनिंग है। साफ है कि यह काम नदी को समझने वाले विशेषज्ञ की निगरानी में ही किया जा सकता है।