सुभारती विश्वविद्यालय ने हर्षोउल्लास से मनाया स्वतंत्रता सैनानी रास बिहारी बोस व वीर शहीद श्रीदेव सुमन का जन्मदिवस
रास बिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग द्वारा बुधवार को रास बिहारी बास एवं श्रीदेव सुमन के जन्म दिवस समारोह को हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के महाप्रजापति गौतमी सुभारती स्कुल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीस विभाग एवं फिजियोथेरेपी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय के योगशाला परिसर में दिवगत स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बोस व पौर शहीद श्रीदेव सुमन जी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंच का संचालन कर रहे डॉ अतुल कृष्ण न्यासी महायान थेरवाद-वज्रयान-बुद्धिस्ट-रिलिजियस एक चैरिटेबल ट्रस्ट ने अपने सम्बोधन में कहा कि, आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है, क्योंकि, आज के दिन सेनानी रासबिहारी बोस वीर शहीद श्रीदेव सुमन जी का जन्म दिवस एक साथ है, जिसे हम हर साल “सुभारती दिवस” के रूप में मानते हैं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम पंचशील इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, प्रत्येक धर्म में सार्वभौमिक सिध्दात है जिससे मानवता विकसित लेन में सहायत मिलती जैसे ही सिध्दात का समाज में प्रचार तथा प्रसार कर जनमानस तक लेकर जाना चाहिये जैसा ही शील का है जो कि मानव तथा मानवी व्यवहार से संबंधित है यह किसी जाती तथा संबंधित नहीचशील की सर्वभामिकता प्रत्येक धर्म में दिखाई देती है।
प्रत्येक धर्म में दिखाई देती है। प्रथम शील कहता है, में किसी भी प्रमाणित की हिंसा नहीं करूंगा में चोरी नहीं करूंगा में व्याभिचार नहीं करूंगा मैं झूठ नही बोलूँगा मैं सभी नशीली चीजों से दूर रहूगा इन पंचशीलों का सबध मानवी व्यवहार से है न की किसी धर्म से है। मानवी आचरण अगर शुद्ध करना है. मानव-मानव में भाईचारा प्रेम सौहार्य तथा एकता निर्माण करना है तो हमें पंचशील का पालन करना होगा तथा जनमानस में इसके प्रति जनजागृती करनी होगी। इस अवसर पर डॉ० के एन सुमति सिंह सहायक आचार्या, बुध्दिस्ट स्टडीज द्वारा धम्मपद पाठ ध्यान योगा कराया गया।
इस अवसर पर रासबिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा श्री राम गुप्ता जी ने अपने भाषण द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों को रास बिहारी बोस के बारे में बताते हुए कहा कि रासबिहारी बोस भारत के एक क्रांतिकारी नेते थे जिन्होंने ब्रिटीश राज के विरुदएवं आजाद हिन्द फौज के संगठन का कार्य किया। इन्होंने न केवल भारत में के प्रांतिकारी गतिविधियों का पालन करने में महत्वपूर्ण भुमिका निभायी अपितु विदेश में रहकर भी वह भारत को स्वतन्त्रता दिलाने। प्रयास में आजीवन जगे रहे।
दिल्ली के तत्कालीन वायसराय लार्ड चार्ल्स डाडिंग पर बम फेंकन की योजना बनाने गदर की साजिश रचने और बाद में जापान जाकर इंडियन इंडिपडेस लीग और आजाद हिंद फौज की स्थापना करने में रास बिहारी बोस की महत्पूर्ण भूमिका रही। यद्यपि देश को स्वतन्त्र कराने के लिये किये गये उनके प्रयास सफल नहीं हो पायेगमें उनकी भूमिका का महत्व ऊँगा है। श्रीदेव सुमन जी के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि श्री देव सुमन का नाम देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है श्रीदेव सुमन द्वारा टिहरी रियासत के खिलाफ किए गये संघर्ष ने टिहरी
रियासत की चूलें हिला दी थी। वे वास्तविक अर्थों में अहिंसावादी स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने टिहरी जेल में एक बार नी बल्कि उसे बसा अमरण अनशन किया। दूसरी बार 84 दिनों तक जेल के भीतर आमरण अनशन करते हुए श्री देवसुमन ने 25 जुलाई 1944 को अपने प्राण त्याग दिये। परन्तु टिहरी के राजा के सामने ज्ञान नहीं मानी और मरते दम तक अपना संघर्ष जारी रखा जैसी कई रोचक घटनाओं की जानकारी दी फिजियोथेरपी विभाग के छात्र द छात्राओं (अदिती त्यागी, नमिता रावत, निति कुमार भाग अमान खान रुद्ररानी व शिवानी) के द्वारा सरस्वती वन्दना की प्रस्तुत की गयी। फिजियोथेरपी चतुर्थ वर्ष की छात्रा दिव्यासी रघुवती ने रास बिहारी बोस जी के जीवन की कुछ अविस्मरणीय घटनाओं पर प्रकाश डाला एवं श्रीदेव सुमन जी के जीवन की कुछ अविस्मरणीय व प्रेरणादायक जीवन के बारे में अवगत कराया। सुभारती दिवस के इस सुजवसर पर डा० रामनदीप कौर, सहायक शिक्षक द्वारा वरचित भावपूर्ण देशप्रेम से आतपत देशमक्ति गीत कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को भावपूर्ण किया। कार्यक्रम के अन्त में फिजियोथेरेपी विभाग की चतुर्थ वर्ष की छात्रा प्रीती जोशी द्वारा सभी अतिथिगणों का धन्यवाद किया गया।
इस कार्यक्रम में आपसी भाईचारा बढ़ाने हेतु सहभोज का आयोजन किया गया तथा सभी लोगा ने आपसी प्रेममाय बढ़ाते हुए एक साथ सहभोज किया। इस अवसर पर रास बिहारी बास सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ० प्रदीप कुमार शर्मा, निर्देशक डा० जीवन आशा कुलसचिव डा० खालिद हसन गौतम बोद्ध चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा० राजेश मिश्रा, उप प्रधानाचार्या डा० रूपा हसपाल, समस्त प्रधानाचार्य विश्वविद्यालय के शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक कर्मचारी।