सिफारिश के लिए अफसर ने लगाई मंत्री से गुहार। विभाग ने किया निलंबित, जांच के आदेश
गए थे नमाज पढ़ने और रोज़े गले पड़ गए। यह कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी। इसी कहावत से मिला-जुला मामला सामने आया है। जहां अरबों की गड़बड़ी करने वाले एक घोटाले बाज अफसर को अपनी पोस्टिंग की सिफारिश मंत्री से लगवाना भारी पड़ गया।
कुछ दिन पहले ही सरकार ने आदेश जारी कर नसीहत दी थी कि, पोस्टिंग के लिए राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल न करें, परन्तु इस आदेश के बाद भी इस अफसर के कान पर जूं न रेंगी और मनचाही पोस्टिंग के लिए मंत्री जी के पास पहुंच गया। जिस कारण विभाग ने उसे निलंबित कर दिया।
मामला नादेही चीनी मिल के जीएम महाप्रबंधक आरके सेठ का हैं। आरके सेठ ने मनचाही पोस्टिंग के लिए गन्ना मंत्री से शिफारिस लगाई। जिसके चलते गन्ना सचिव और शुगर्स के प्रशासक चंद्रेश यादव ने आरके सेठ को तत्काल प्रभाव ने निलंबित कर दिया है।
आरके सेठ पर नादेही चीनी मिल में जीएम रहते हुए अरबों की गड़बड़ी के आरोप हैं। जिसकी जाँच भी कराई गयी और जाँच में आरके सेठ पर कई आरोपों की पुस्टि भी हुई।
आरके सेठ को आरोपों में घिरे पाए जाने पर पदानवत करके बाजपुर चीनी मिल भेजा गया, किंतु वहां के जीएम ने इन्हें ज्वाइन कराये बिना ही वापिस नादेही चीनी मिल भेजा।
अब आरके सेठ गन्ना मंत्री यतीश्वरानंद के पास मनचाही पोस्टिंग के लिए पहुंच गया। सूत्रों से पता चला हैं कि, मंत्री जी से इसकी साठ-गांठ इतनी अच्छी हैं कि, मंत्री ने इस अफसर को फेडरेशन मुख्यालय देहरादून में महाप्रबंधक बनाने की बात की और इसको लेकर मंत्री के आदेश पर पत्रावली भी तैयार हो गई।
साथ ही चौकाने वाली बात तो यह हैं कि, मंत्री जी जिस पद पर सेठ की तैनाती चाहते हैं, उस पद की शासन से मंजूरी भी नहीं है।
अब विभाग में इसकी जानकारी मिलते ही आरके सेठ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। साथ ही मामले की जाँच के आदेश भी दिए गए हैं।