उत्तराखंड सरकार की Zero Tolerance Policy on Corruption के तहत एक बार फिर भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार हुआ है। हरिद्वार जिले के लक्सर ब्लॉक में घटिया निर्माण सामग्री से सड़क निर्माण के मामले में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
घटिया निर्माण सामग्री से बनी थी सड़क
जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत अकौढ़ा खुर्द में राज्य वित्त आयोग के अनुदान से बनी सीसी सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब है। सड़क के किनारे बनी नाली को बिना उचित लेवलिंग और प्लानिंग के सीधे सीसी मार्ग के ऊपर बना दिया गया था। इसके चलते बरसात के समय सड़क पर पानी और कीचड़ भरने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही थी।
निरीक्षण में मिली बड़ी लापरवाही
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि निर्माण कार्य के दौरान न तो ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, न कनिष्ठ अभियंता और न ही अन्य पंचायत अधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया। इस लापरवाही के चलते सड़क की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हुई।
शिकायतकर्ता सुमित कुमार ने आरोप लगाया कि जांच को प्रभावित करने के लिए पुरानी खराब सड़क पर नई सीसी लेयर डाल दी गई थी। इस पर सहायक विकास अधिकारी (पं.) लक्सर ने मौके पर निरीक्षण किया और शिकायत को सही पाया। इसे जांच में छेड़छाड़ की कोशिश माना गया।
तुरंत प्रभाव से निलंबन और जांच जारी
मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही मिलेगा।
डीएम हरिद्वार का सख्त संदेश
हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा—
“भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की मंशा है कि पंचायत स्तर तक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।”











