इस दौरान प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों, परीक्षा केंद्र प्रभारियों, कोचिंग सेंटर संचालकों और आम नागरिकों ने आयोग के समक्ष अपने विचार, सुझाव और साक्ष्य प्रस्तुत किए।
जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता की गारंटी
जांच आयोग के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी ने कहा कि आयोग का उद्देश्य पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ जांच करना है। उन्होंने कहा कि आयोग राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर जनता से सीधे संवाद कर रहा है और जनसुनवाई के दौरान प्राप्त सभी साक्ष्य और सुझावों को संकलित किया जा रहा है। इन तथ्यों के आधार पर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
अभ्यर्थियों ने रखे अहम सुझाव
जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों ने आयोग के समक्ष परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं पर अपनी बात रखी। अभ्यर्थियों ने जांच को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाने और भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में सुरक्षा व निगरानी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने की मांग की। आयोग ने सभी अभ्यर्थियों को धैर्यपूर्वक सुना और उनके सुझाव दर्ज किए।
ईमेल से भी दी जा सकती है जानकारी
जांच आयोग के सचिव विक्रम सिंह राणा ने बताया कि जनसुनवाई में मिली सभी शिकायतों और सुझावों को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति आयोग की ईमेल के माध्यम से भी परीक्षा से संबंधित जानकारी और साक्ष्य भेज सकता है।
अधिकारी और आमजन रहे उपस्थित
जन सुनवाई के दौरान अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) के.के. मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी वी.के. ढ़ौडियाल, परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्य, प्रभारी, व्यवस्थापक, अभ्यर्थी और आम नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने आयोग के इस जन संवाद की सराहना करते हुए कहा कि इससे पारदर्शी जांच को बल मिलेगा।
गौरतलब है कि हाल ही में हुई UKSSSC प्रतियोगी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के बाद सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है। आयोग राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर जनसुनवाई कर रहा है ताकि सभी पक्षों से तथ्य और साक्ष्य जुटाए जा सकें।











