बच्चों की पीड़ा महसूस करने के लिए उनियाल ने की पैदल यात्रा। किया रास्ते की मुश्किलों को साझा
– हल्द्वाड़ी के बच्चों के साथ आठ किमी. पैदल चलकर स्कूल पहुंचे मोहित उनियाल
– हल्द्वाड़ी, लड़वाकोट, पलेड के बच्चे पढ़ाई के लिए चलते है रोज 16 किमी. पैदल
रिपोर्ट- ज्योति यादव
डोईवाला। हल्द्वाड़ी के बच्चों को पढ़ाई के लिए रोजाना 16 कि.मी. पैदल चलना पड़ता है। बच्चों की मुश्किलों को महसूस करने के लिए राजीव गांधी पंचायत राज संगठन के प्रदेश संयोजक मोहित उनियाल उनके साथ हल्द्वाड़ी से आठ किमी. पैदल चलकर धारकोट स्थित स्कूल पहुंचे। बच्चों ने उनके साथ रास्ते की मुश्किलों को साझा किया।
उनियाल के अनुसार हल्द्वाड़ी, लड़वाकोट, पलेड से बच्चे धारकोट स्थित राजकीय जूनियर हाईस्कूल एवं राजकीय इंटर कॉलेज आते हैं। हल्द्वाड़ी में कक्षा पांच तक का स्कूल है। इसके बाद बच्चे आठवीं कक्षा तक पढ़ाई के लिए लड़वाकोट जाते हैं।
आठवीं के बाद, इन गांवों के बच्चे धारकोट विद्यालय में जाते हैं। वहीं, पलेड गांव के बच्चे छठीं क्लास से धारकोट जाते हैं। इन बच्चों को एक तरफा करीब आठ किमी. पैदल चलना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि, दस से पंद्रह साल तक के बच्चों, जिनमें बालिकाएं भी शामिल हैं, को ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलना होता है। रास्तेभर जौंक का खतरा रहता है। बच्चों के पैरों में जौंक के हमले से खून निकल आता है।
रास्ते में कई बार बच्चों को पैरों से जौंक निकालनी पड़ी। बच्चों ने उन्हें बताया कि, बरसात में खराब रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है। मलबे से रास्ता बंद हो जाता है। कई बार रास्ते में पेड़ भी गिर जाते हैं। बच्चों को स्कूल से छुट्टी करनी पड़ती है।
उनियाल ने बताया कि, बच्चे शॉर्टकट वाले जोखिम रास्तों से होकर स्कूल जाते हैं, जिन पर फिसलने का डर रहता है। इन रास्तों में झाड़ियां उगी हैं। बच्चों का कहना है कि, अगर सड़क बन जाती तो, वो साइकिलों से स्कूल जा सकते।