सूर्य धार बांध परियोजना भ्रष्टाचार को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल हुआ सख्त
उत्तराखंड क्रांति दल ने सूर्य धार बांध परियोजना में भ्रष्टाचार तथा नियम कानूनों की अवहेलना को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं
देहरादून – पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से झील विशेषज्ञ विपुल धस्माना ने सवाल उठाया कि जब भारत सरकार के स्तर परजल यातायात और जल क्रीड़ा को लेकर पहले से ही कानून बने हुए हैं तो फिर उत्तराखंड सरकार उन कानूनों को लागू क्यों नहीं करती ! बिना नियम कानून बनाए ही सूर्य धार झील में वोट के प्रयोग को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। धस्माना ने दो दिन पहले बौर जलाशय में नाव डूबने से महिला की मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि कानून न होने से यह मौत हुई है। वरना ओवर लोडिंग आदि न होती।
इसके अलावा उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने सूर्यधार बांध परियोजना में शेड्यूल रेट से 20% अधिक दर पर कार्य कराने और निर्माण की लागत 12 करोड रुपए अधिक आने पर भी सवाल उठाए।
उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि खुद सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज बांध परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं और सचिव सिंचाई को विशेष जांच के आदेश भी दे चुके हैं, किंतु एक महीने बाद भी इस जांच का कुछ अता पता नहीं है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने कहा कि नैतिकता का तकाजा तो यह कहता है कि पहले सरकार जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करती और फिर इस बात का उद्घाटन करती।
उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि मुख्यमंत्री के करीबी दोस्तों का एक स्टिंग कुछ समय पहले जारी हुआ था, जिसमें उनके द्वारा सूर्य धार बांध की घोषणा से पहले ही उसके आसपास की जमीनों को खरीदने की बात सामने आई थी।
उत्तराखंड क्रांति दल ने इसकी जांच की भी मांग की कि आखिर किन-किन लोगों ने बांध परियोजना के आसपास की जमीन खरीदी है !
उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा कि उत्तराखंड बनने के बाद नेताओं के करीबियों और रिश्तेदारों का ही विकास हो रहा है जबकि आम जनता को अंधेरे में रखा जा रहा है।
पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा, झील विशेषज्ञ तथा विपुल धस्माना मौजूद थे।