शहर की आबादी 10 लाख को पार कर गई है। इतनी बड़ी आबादी की दैनिक जरूरत की पूर्ति के लिए दूध, दही, पनीर मावा की मांग पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं। इसके बाद भी इन सब उत्पादों की जरूरत आसानी से पूरी हो जाती है। इसके अलावा दुग्ध उत्पादों से बनने वाली मिठाइयों की जरूरत भी पूरी हो जाती है।
गाहे-बगाहे खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की छापेमारी में मिलावटी दुग्ध उत्पाद पकड़े भी जाते हैं। ऐसे में होली, दीपावली व अन्य प्रमुख त्योहारों पर मांग बढ़ने के साथ मिलावटखोरी की आशंका बढ़ जाती है। इस बार भी मिलावटखोर होली पर चांदी काटने से बाज नहीं आएंगे। इस आशंका को भांपते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व (अभिहीत अधिकारी खाद्य संरक्षा) को छापेमारी तेज कराने के निर्देश जारी किए हैं।