देहरादून: उत्तराखंड की धामी (Pushkar Singh Dhami) सरकार के 2.0 के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा है कि हम अपने प्रत्येक संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता से जो भी वादे किए गए, उन्हें पूरा किया जाएगा।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल पर मुख्यमंत्री (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि हमारी सरकार के 100 दिन विकास, समर्पण और प्रयास के रहे हैं। उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही राज्य सरकार के कार्यों एवं नीतियों पर भरोसा करते हुए बढ़-चढ़कर आशीर्वाद दिया।
उन्होंने कहा कि जनता ने हम पर जो विश्वास दिखाया, उस पर हमारी सरकार खरा उतरेगी। हमने 100 दिन में अच्छा कार्य किया है और आगे भी अच्छा कार्य करने के साथ नया कीर्तिमान बनाएंगे।’
मुख्यमंत्री धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा के अनुसार उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये सभी के सहयोग से काम किया जा रहा है और 21वीं सदी का तीसरा दशक निश्चित तौर पर उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार आया है और हम उत्तराखण्ड में भी कार्यसंस्कृति में सुधार ला रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है।
सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण हमारे मूल मंत्र हैं। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था के चलते कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। सीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये 1064 शुरू की गई है। सचिवालय में सोमवार को ‘नो मीटिंग डे’ रखा गया है ताकि शासन के अधिकारी लोगों से मिलने के लिये उपलब्ध रहें।
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं कि वे सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10 बजे से 12 बजे तक अपने कार्यालयों में आम जनता से मिलने के लिये उपलब्ध रहेंगे और अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं, इसके लिये बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
मुख्यमंत्री धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि हम अपने हर वादे को पूरा करने में जुटे हैं। हमारी सरकार ने उत्तराखंड राज्य के लिए ’यूनिफॉर्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु कमेटी का गठन किया है, जो कि जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा सभी नागरिकों के लिये समान क़ानून चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों, होगा। सीएम ने कहा, ’हम गरीब परिवारों को तीन सिलेण्डर मुफ्त उपलब्ध करवाने जा रहे हैं। इसके लिये बजट में प्रावधान भी किया गया है।
धामी ने कहा कि चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं के विस्तार की योजना है। उन्होंने कहा कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने की योजना है। इसके लिये प्रधानमंत्री से भी अनुरोध किया गया है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे नेटवर्क निर्माण के लिये पर्वत माला परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। सुरकण्डा देवी रोपवे का संचालन प्रारम्भ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम प्रहरी योजना के अंतर्गत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के निकटवर्ती जिलों में बसने के लिये सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की धनराशि को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि को मंजूरी दी गई है। हमारी सरकार ने आंगनबाड़ी और आशा बहनों के साथ ही पर्यावरण मित्रों और शिक्षा मित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 08 वर्ष के कार्यकाल में उत्तराखण्ड के लिये सवा लाख करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें बहुत सी योजनाओं पर काम तेजी से हो गया है या चल रहा है। सीएम ने कहा कि श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर भी काम हो रहा है।
सीएम ने कहा कि 16,216 करोड़ रुपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और इस परियोजना को 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सीएम ने कहा कि टनकपुर-बागेश्वर और डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेललाइन के सर्वे के साथ ही हरिद्वार-देहरादून रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार के लिए चारधाम ऑलवेदर सड़क परियोजना पर काफी कुछ काम किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पौंटा साहिब-देहरादून, बनबसा-कंचनपुर, भानियावाला-ऋषिकेश, काठगोदाम-लालकुंआ-हल्द्वानी बाईपास और रूद्रपुर बाईपास परियोजनाओं की महत्वपूर्ण सौगात मिली हैं। देहरादून में नियो मेट्रो रेल की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य हैं जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई है। पिछले कुछ वर्षों मे एयर कनेक्टीवीटी को बहुत मजबूती मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें 526 करोड़ की लागत से बाह्य सहायतित परियोजना ‘उत्तराखण्ड इंटिग्रेटेड हार्टिकल्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ औद्यानिकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। 38 छोटे नगरों में पेयजल के लिए 1600 करोड़ की लागत से ‘उत्तराखण्ड अर्बन वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट’ और 2021 करोड़ लागत की सौंग परियोजना महत्वपूर्ण पेयजल योजनाएं हैं। 952 करोड़ की लागत से उत्तराखण्ड क्लाईमेट रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया गया है।
भारत सरकार द्वारा 1750 करोड़ की परियोजना ‘डेवलपमेंट ऑफ बेस्ट इन क्लास ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर इन देहरादून एण्ड मसूरी’ स्वीकृत हो गई है। जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना से नैनीताल व ऊधमसिंहनगर के तराई क्षेत्र लाभान्वित होंगे। सौंग बांध परियोजना से देहरादून में वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति उपलब्ध हो सकेगी।300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के लिये निविदा भी आमंत्रित कर दी गई हैं। रूपए 1930 करोड़ से टिहरी लेक डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है। ऋषिकेश में अर्न्तराष्ट्रीय कन्वेन्सन सेन्टर तथा वैलनेस सिटी को नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा चयनित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत योजना के अन्तर्गत 07 शहरों में 593 करोड़ रूपए की कुल 151 योजनाएं (सीवरेज, पेयजल योजना, ड्रेनेज, पार्क निर्माण योजना) पर काम चल रहा है। उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाएं लाए हैं। इनमें ऊधमसिंहनगर में एम्स का सैटेलाईट सेंटर, देश का पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर, सीपेट, कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में हमने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना महामारी का डटकर मुकाबला किया, वहीं विकास की गति को भी आगे बढ़ाया है। कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर में हमारे कोविड-वारियर्स द्वारा सराहनीय काम किया गया। चिकित्सा कर्मियों के साथ ही राजस्व, पुलिस, पीआरडी, आंगनबाड़ी आदि कोरोना वारियर्स को प्रोत्साहन व सम्मान राशि द्वारा हमारी सरकार ने इनके मनोबल को बढ़ाने का काम किया है।
प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन व संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़, चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ जबकि महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रूपए का कोविड राहत पैकेज दिया की व्यवस्था की गई। प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है।
सीएम ने बताया कि राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ के गठन की स्वीकृति दी गई है।मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना प्रारम्भ की गई है। इस बजट में इसके लिये 25 करोड़ रुपए धनराशि का प्रावधान भी किया गया है। ऑनलाइन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12वीं के छात्र-छात्राओं और गवर्नमेण्ट डिग्री कॉलेजों के छात्रों को टैबलेट उपलब्ध कराना प्रारम्भ कर दिया गया है।
साथ ही राज्य में निशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 4 लाख 80 हजार से अधिक मरीज मुफ्त में उपचार करा चुके हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के उपचार पर अब तक 755 करोड़ से अधिक का व्यय किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित है। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म उद्यम योजना के तहत 50 हजार रूपए तक का ऋण बैंको के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना में लगभग 55 हजार गरीबों को आवास दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। हमारी सरकार, किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है।जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए ‘‘फार्म मशीनरी बैंक’’ योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी, बेतालघाट को जैविक चाय बागान में परिवर्तीत किया जा रहा है। गोवंश की सुरक्षा और संरक्षण के लिये हमारी सरकार ने गौ सदनों की स्थापना के लिये बजट प्रावधान को इस वर्ष छः गुना कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए नई खेल नीति लाई गई है। स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन खेल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के 08 वर्ष से 14 वर्ष तक के उदीयमान खिलाड़ियों को 1500 रूपए प्रतिमाह खेल छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण स्तर पर ओपन जिम के लिये 10 करोड़ रूपए का बजट में प्राविधान किया गया है।
सीएम ने कहा कि पिछले लगभग पांच वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में वर्ष 2018 में हम 10वें स्थान पर थे और अब हमारा स्थान चौथा हो गया है। तमाम सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों में हम देश के अग्रणी राज्यों में हैं। उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विभाग को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के सफल संचालन में वर्ष 2020 में मोस्ट प्रो-एक्टीव स्टेट से सम्मानित किया गया है। इन्स्पायर अवार्ड हेतु नामांकन में विद्यालयवार प्रतियोगिता के आधार पर पूरे देश में उत्तराखण्ड प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुसार वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का नम्बर एक राज्य बनाने के लिये हम विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। हम अपने प्रत्येक संकल्प को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करेंगे।