केंद्र सरकार ने हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवर्स से काम पर लौटने की अपील की है। नई दिल्ली में केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से मीटिंग की। इसके बाद कहा कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है। भारतीय न्याय संहिता 106/2 लागू करने से पहले AIMTC प्रतिनिधियों के साथ चर्चा होगी, उसके बाद ही कोई निर्णय होगा।
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के अंतर्गत हिट-एंड-रन केस (Hit And Run) के मामलों के लिए नए कानून का विरोध हो रहा है। देशभर में बड़े वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर हैं और चक्काजाम कर कानून लागू नहीं करने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर मंगलवार शाम को गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन की बैठक हुई। यहां आश्वासन मिलने पर संगठन हड़ताल वापस लेने को सहमत हो गया है।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन मलकीत सिंह बल ने बताया कि 106 (2) जिसमें 10 साल की सजा है और जुर्माना है, वह कानून लागू नहीं होने देंगे। सभी संगठन की चिंता लेकर हम भारत सरकार के पास पहुंचे। नए कानून की जो मंशा है 10 साल की सजा और जुर्माना, अभी लागू नहीं है। हम सभी ड्राइवरों को आश्वासन दिलाते हैं कि आगे यह कानून लागू नहीं होने देंगे। हमने अपील की है कि हड़ताल वापस हो। सभी ड्राइवर अपने वाहनों पर वापस लौटें। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के मसले पर हमारी मुलाकात और बातचीत हुई, अब हमें कोई दिक्कत नहीं है। सारे मसलों का समाधान हो गया है। नए कानून लागू नहीं हुए हैं। कानून को लागू करने से पहले ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से सलाह मशवरा किया जाएगा।
‘आप ड्राइवर नहीं, हमारे सैनिक हैं’
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत लाल मदान ने कहा, ”आप सिर्फ ड्राइवर नहीं हैं, आप हमारे सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आपको किसी असुविधा का सामना करना पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दस साल की सजा और जुर्माने कानून को फिलहाल रोक दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक होने तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।
क्या है नया हिंट एंड रन कानून?
केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी। इसके अलावा जुर्माने का भी देना होगा। पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था। हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था।