ऐसे खुली पूरी साजिश की पोल
पुलिस के मुताबिक, 12 अक्टूबर (रविवार) को घोड़ेवाला गांव निवासी जाकिर पुत्र ताहिर ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि गांव के विपक्षी (जिससे उसका जमीन विवाद चल रहा था) ने उसकी हत्या की साजिश रचते हुए 30 लाख रुपए की सुपारी दी है। उसने आरोप लगाया कि जलालपुर और रुड़की के कुछ युवक इसमें शामिल हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने बहादराबाद थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा को जांच के निर्देश दिए। पुलिस टीम ने आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा मामला पलट गया।
जमीनी विवाद में विपक्षी को फंसाने की थी योजना
जांच में सामने आया कि जाकिर का अपने विपक्षी जावेद के साथ बीते 3-4 सालों से जमीनी विवाद चल रहा था। इसी विवाद में बढ़त लेने और विपक्षी पर झूठा हत्या का केस दर्ज करवाने के लिए जाकिर ने फर्जी हत्या और फायरिंग का नाटक रचा।
उसने आजम, उस्मान और सोहेल नाम के युवकों को 50 हजार रुपये का लालच देकर अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से अपनी कार पर फायरिंग करवाई थी, ताकि विपक्षी को फंसाया जा सके।
थाने में आपस में भिड़े आरोपी
पुलिस पूछताछ में सच सामने आते ही आरोपी आपस में झगड़ने लगे। पुलिस ने सभी आरोपियों को बीएनएसएस की धारा 170 के तहत हिरासत में ले लिया। वहीं, जाकिर की लाइसेंसी पिस्टल, जिसका रिन्यूअल भी समाप्त हो चुका था, उसके भतीजे खालिक के पास से बरामद की गई।
सख्त कार्रवाई की तैयारी
हरिद्वार पुलिस ने जाकिर और उसके साथियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पिस्टल के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी संबंधित प्राधिकारी को भेजी जा चुकी है।
हरिद्वार पुलिस का कहना है कि किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाने या झूठा मुकदमा दर्ज करवाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।











