विजय रावत
अपर सचिव अरुणेन्द्र सिंह चौहान पर जांच की आंच …
उत्तराखण्ड शासन में अपर सचिव के पद पर तैनात अरुणेंन्द्र सिंह चौहान पर गलत तरीकों का इस्तेमाल कर करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है। इस सम्बंध में देहरादून निवासी एक महिला ने राष्ट्रपति, भारत सरकार के केन्द्रीय कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय और सीबीआई में अलग-अलग शिकायत की है। तीनों ही स्तर से उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस शिकायत पर अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी गई है।
अरुणेन्द्र सिंह चौहान कोषागार निदेशालय में अपर निदेशक के पद पर नियुक्त हैं। शासन में ऊंची पहुंच के कारण उन्हें शासन में भी अपर सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपा जाना विवादों में रहा है। अरुणेन्द्र पर अब आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है। शिकायत में कहा गया है कि अरुणेन्द्र ने गलत तरीकों का इस्तेमाल कर 100 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति अर्जित की है जो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है। शिकायत देहरादून निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सीमा भट्ट ने राष्ट्रपति, भारत सरकार के केन्द्रीय कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय और सीबीआई से की है। खास बात यह है कि तीनों ही इस शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। राष्ट्रपित भवन से अण्डर सेक्रेटरी अशोक कुमार ने बीते 19 जून को मुख्य सचिव उत्पल कुमार को पत्र भेजा हैं, जिसमें कहा गया है कि देहरादून निवासी सीमा भट्ट ने राष्ट्रपति से अपर निदेशक कोषागार निदेशालय की शिकायत की है। इस शिकायत पर अब तक आपके स्तर से क्या कार्यवाही की गई है इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को दें। इसके बाद बीते 2 जुलाई को सीबीआई कार्यालए देहरादून से भी एक पत्र मुख्य सचिव को भेजा गया है। इस पत्र में भी शिकायत को गंभीर बताते हुए जांच के सम्बंध में कहा गया है। इतना ही नहीं केन्द्रीय कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय से भी एक पत्र मुख्य सचिव उत्पल कुमार के पास पहुंचा है जिसमें इस मामले में आवश्यक कार्यवाकी करने को निर्देशित किया गया है।
वित्त सचिव के पाले में गेंद
केन्द्रीय लोक शिकायत मंत्रालय से आए पत्र का संदर्भ लेते हुए कार्मिक विभाग के सचिव (प्रभारी) भूपाल सिंह मनराल ने वित्त सचिव अमित नेगी को पत्र भेजकर इस मामले में अग्रिम कार्यवाही करने को कहा है। पत्र 25 जुलाई को प्रेषित किया गया है।
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