गांवों की सुद लेना भूली सरकार गांवों में भूखमरी के हालात: भावना पांडे
-कुमाऊं की पांच विधानसभा क्षेत्रों में भिजवाई रसद
– कहा, ग्रामीण इलाकों में राशन की आपूर्ति सुधारे सरकार
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि सरकार गांवों की सुध लेना भूल गयी है। गांवों में दवाएं भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है लेकिन राशन और सब्जियां नहीं भेजी जा रही हैं। इस कारण जिन गांवों को कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है, उन गांवों में भुखमरी के हालात हो गये हैं। उन्होंने कहा कि दवाएं तो तभी कारगर साबित होंगी जब पेट भरा हो। उन्होंने कुमाऊं की पांच विधानसभा क्षेत्रों में 200 क्विंटल सामान भेजने की व्यवस्था की है। इसमें राशन और सब्जियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं में कुल 400 क्विंटल रसद भेजी जाएगी।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जागेश्वर-बागेश्वर, अल्मोड़ा,द्वाराहाट और रानीखेत इलाके के कई गांवों में कोरोना संक्रमण हो गया है। इन गांवों को कंटेनमेंट जोन तो बना दिया। यहां लोगों को आने-जाने नहीं दिया जा रहा। गांव में राशन और सब्जी की आपूर्ति नहीं होने से लोग परेशान हैं। भावना ने कहा कि वहां खाने की वस्तुओं की भी कालाबाजारी हो रही है। टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। अगली बार लोहाघाट, डीडीहाट और धारचुला के लिए राशन और सब्जियां भेजी जाएंगी। इस कारण उन्होंने तय किया है कि वो गढ़वाल और कुमाऊं की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पांच-पांच ट्रक रसद यानी राशन और सब्जियां आदि भेजेंगी।
भावना पंाडे के मुताबिक प्रदेश में भेड़चाल चल रही है। हंस फांउडेशन ने लोगों को बुखार की दवाई देनी शुरू की तो सभी दवाएं दे रहे हैं जबकि लोगों को दवाओं के साथ ही राशन की भी जरूरत है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि लोग जब उनसे सरकारी राशन की बात करते हैं कि राशन आ रहा था तो वो कहां चला गया? तो वो उनको बताती हैं कि सरकारी राशन जाम में फंस गया या पुलिस ने उस राशन को रोक दिया। भावना के अनुसार सरकार को राशन की आपूर्ति समय पर करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पात्र लोगों को ही यह राशन मिले। उन्होंने कहा कि सितारगंज, रुद्रपुर, हल्द्वानी क्षेत्र के कई किसानों को बीपीएल कार्ड मिल गये, जबकि वो बड़े किसान हैं। वो अपने खेतों का राशन खाते हैं और बीपीएल कार्ड से मिले राशन को अपने मवेशियों को खिला देते हैं। कई स्थानों से राशन की कालाबाजारी होने के भी शिकायत मिल रही है। कई जरूरतमंद के बीपीएल कार्ड बने ही नहीं हैॅं। इस पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि कोरोना काल में जनता बेहाल है और ब्लाक प्रमुख, जिला प्रमुख और विधायक क्षेत्र से नदारद हैं। ग्राम प्रधान और कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख ही जनता से जुड़े हैं लेकिन उनके पास सीमित संसाधन हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों और ब्लाक प्रमुखों को जनता के बीच में होना चाहिए। यदि ये लोग नहीं चेते तो जनता इन्हें 2022 के चुनाव में सबक सिखाने का काम करेगी।