वन विभाग रेंजर पर भड़की स्थानीय पार्षद संग जनता। कार्यशैली पर उठाए सवाल
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। लैंसडौन वन विभाग के अंतर्गत कोटद्वार रेंज के रेंजर बृज बिहारी शर्मा की हैवानियत भरी कार्यशैली पर नगर निगम कोटद्वार के पार्षद और स्थानीय जनता बुरी तरह भड़क गई। बीते सोमवार को वन गुर्जरों के साथ वन विभाग द्वारा रेंजर के नेतृत्व में की गई हैवानियत ने कोटद्वार की जनता को हिला कर रख दिया था। जिसके तहत रेंजर द्वारा लालपुर की महिला पार्षद के साथ बदसलूकी और अभद्र व्यवहार करने की शिकायत भी सामने आई थी। इसी को लेकर नगर निगम के पार्षद लामबंद होकर स्थानीय जनता के साथ आज पनिहारी स्थित रेंज ऑफिस पहुंचे और रेंजर बिहारी शर्मा का घेराव कर उसके खिलाफ खूब नारेबाजी की।
इतना ही नहीं कुछ भाजपा कार्यकर्ता तो इतने जोश में आ गए कि, भवर मंडल अध्यक्ष जसोला ने तो आवेश में आकर रेंजर को सस्पेंड कराने तक की धमकी दे डाली। सत्ता की हनक में जसोला यह भूल गए कि, उनके कार्य क्षत्र में यह नहीं आता। वन विभाग और रेंजर की शर्मनाक कार्यशैली के चलते वन विभाग की काफी छीछालेदर हुई। इसी से वन महकमा भी काफी शर्मिंदगी महसूस करने लगा। साथ ही इस बात की भनक जब वन विभाग के उच्चाधिकारियों को लगी तो उच्चाधिकारियों ने कोटद्वार रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा को कोटद्वार से हटाकर मुख्यालय में अटैच कर दिया, तथा लालढांग के रेंजर को 4 बार में चार्ज लेने के आदेश जारी कर दिए।
वन कर्मियों ने गुज्जरों के घरों में लगाई थी आग
लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत शुक्रो नदी के कम पार्ट नंबर 2 में रहने वाले चार गुज्जर परिवारों के घरों में वन विभाग द्वारा बिना पूर्व सूचना दिए तोड़-फोड़ कर उनके घरों को आग के हवाले कर दिया था। सूचना पाते ही मौके पर पहुंची क्षेत्रीय पार्षद लीला कंडवाल गुर्जर परिवारों को लेकर पहले तो डीएफओ ऑफिस पहुंची, जहां रेंजर द्वारा पार्षद महिला के साथ अभद्रता कर गुर्जरों सहित उन्हें प्रांगण में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उसके बाद पार्षद गुज्जर परिवारों को लेकर वन विभाग के खिलाफ गुर्जरों के उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंच गई।
वहीं मीडिया को घटना की जानकारी देते हुए गुर्जर परिवारों ने बताया कि, वन कर्मियों ने बिना सूचना दिए उनके घरों को आग के हवाले कर दिया जिस कारण वह बेघर हो गए। लॉकडाउन के रहते अब ऐसे में वह छोटे-छोटे बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों को लेकर कहां जाये। इसके लिए उन्होंने वन विभाग से गुहार भी लगाई थी परंतु वन कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी। उनके घरों में सरकार द्वारा दिया गया राशन तथा आर्थिक मदद के रूप में मिले रुपए भी थे, जो जलकर राख हो गए। साथ ही बच्चों व बुजुर्गों सहित सभी के कपड़े भी जलकर राख हो गए।
वहीं लालपुर की पार्षद लीला कंडवाल ने बताया कि, रेंजर द्वारा उनके साथ अभद्र भाषा का व्यवहार कर गुर्जरों सहित उन्हें प्रांगण में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसके बाद पार्षद गुज्जर परिवारों को लेकर थाने पहुंची और वन विभाग के खिलाफ गुर्जरों के उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कराने गई।
इस पूरे प्रकरण में डीएफओ अखलेश तिवारी का कहना है कि, पहले तो मामले की जांच की जायेगी उसके बाद ही कोई कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नही जायेगा। उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।